सावन का महीना प्रेम, भक्ति और उल्लास का प्रतीक है, और जब यह ऋतु आती है, तो वृंदावन, गोकुल और बरसाना में झूलों की छटा निराली हो जाती है। आया सावन झूला झूले राधा कुंज बिहारी से भजन इसी भाव को व्यक्त करता है, जहाँ राधा रानी और कुंज बिहारी झूला झूलते हैं, और भक्त इस अनुपम दृश्य का आनंद लेते हैं। आइए, इस भजन को पढ़ें और ठाकुर जी की झूलन लीला का आनंद लें।
Aaya Sawan Jhula Jhule Radha Kunj Bihari Se
आया सावन झूला झूले,
राधा कुंज बिहारी से,
कुंज बिहारी से,
राधा कुंज बिहारी से,
आया सावन झुला झुले,
राधा कुंज बिहारी से।।1।।
झूल रही है राधा प्यारी,
झूला दे रहे कुंज बिहारी,
झूल रही है राधा प्यारी,
जोड़ी लागी कितनी प्यारी,
नैन मिला लिए कान्हा ने,
वृषभान दुलारी से,
आया सावन झुला झुले,
राधा कुंज बिहारी से।।2।।
सावन की रुत है मतवारी,
मुरली की धुन लागे प्यारी,
सावन की रुत है मतवारी,
झूम रही हैं सखियां सारी,
नाच रही ग्वालो की टोली,
प्रेम खुमारी से,
आया सावन झुला झुले,
राधा कुंज बिहारी से।।3।।
ब्रह्मा विष्णु शंकर प्यारे,
सूरज चंदा और सितारे,
ब्रह्मा विष्णु शंकर प्यारे,
देख रहे सावन के नजारे,
इंद्रदेव भी बरस रहे है,
खूब तैयारी से,
आया सावन झुला झुले,
राधा कुंज बिहारी से।।4।।
रिमझिम बरस रहा है पानी,
भीग रही है राधा रानी,
भीग रही है राधा रानी,
बनकर कान्हा की दीवानी,
‘राही’ कृपा पा गाए,
देखो कृष्ण मुरारी से,
आया सावन झुला झुले,
राधा कुंज बिहारी से।।5।।
आया सावन झूला झूले,
राधा कुंज बिहारी से,
कुंज बिहारी से,
राधा कुंज बिहारी से,
आया सावन झुला झुले,
राधा कुंज बिहारी से।।6।।
राधा-कृष्ण का प्रेम सदा जीवंत और मधुर बना रहता है, और सावन में उनका झूला उत्सव भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव होता है। इसी भक्तिरस को किशोरी किशन झूला पर विराजे, बरसाने में होली खेल रहे हैं नंदलाल, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्रीराधा-कृष्ण की भक्ति में मग्न होकर अपने मन को भक्तिमय करें। जय श्री राधे-कृष्ण! 🙏💛