आया है घर नंद का लाल मिलकर थाल बजाओ जी

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव समस्त ब्रह्मांड के लिए आनंद और उल्लास का पर्व है। भजन आया है घर नंद का लाल, मिलकर थाल बजाओ जी उसी दिव्य क्षण का वर्णन करता है, जब गोकुल में बधाइयाँ गाई जाती हैं और भक्तजन आनंदित होकर श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी मनाते हैं। यह भजन भक्तों को उस अलौकिक आनंद से जोड़ता है, जो नंदलाल के आगमन से हर हृदय में उमड़ पड़ता है।

Aaya Hai Ghar Nand Ka Lal Milkar Thal Bajao Ji

गाओ मंगल गीत हजार,
बंधन वार बंधाओ जी,
आया है घर नंद का लाल,
मिलकर थाल बजाओ जी।।1।।

सांवला सलोना सा ये,
मुखड़ा है प्यारा,
अंधियारी रात में भी,
लाया उजियारा,
चहक उठा है सारा गोकुल,
सबको आज बताओ जी,
आया हैं घर नंदका लाल,
मिलकर थाल बजाओ जी।।2।।

स्वर्ण कलश रखवा दो,
खुशियां मनाओ,
गलियन में ब्रज की सारे,
फूल बिछाओ,
लाओ संग माखन की मटकी,
थोड़ी छाछ भी लाओ जी,
आया हैं घर नंद का लाल,
मिलकर थाल बजाओ जी।।3।।

पालना सजाओ इनका,
लाड लड़ाओ,
भाए जो कान्हा को,
श्रृंगार कराओ,
‘नेहा’ संग में मिलकर,
लल्ला की फिर नजर उतारो जी,
‘प्रतीक’ संग में मिलकर,
लल्ला की फिर नजर उतारो जी,
आया हैं घर नंद का लाल,
मिलकर थाल बजाओ जी।।4।।

गाओ मंगल गीत हजार,
बंधन वार बंधाओ जी,
आया है घर नंद का लाल,
मिलकर थाल बजाओ जी।।5।।

श्रीकृष्ण का जन्म केवल गोकुलवासियों के लिए नहीं, बल्कि हर भक्त के जीवन में आनंद और प्रेम का प्रकाश लेकर आता है। उनके जन्मोत्सव की महिमा को जानने और उनकी भक्ति में डूबने के लिए ऐसे ही भक्तिमय भजनों को पढ़ें और करें, जैसे कृष्ण कन्हैया तुम्हें आना होगा, मुरली मधुर बजाना होगा, आना आना ओ कन्हैया, मेरे हृदय में आ जाना, आते हैं बाबा श्याम को जादू कमाल के और बाबा मेरा साथ निभाने आएगा, जिससे श्रीकृष्ण की भक्ति और भी गहरी हो जाए। 🙏💙

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