ये उत्सव बजरंग बाले का वाह रे बजरंगी क्या कहना

ये उत्सव बजरंग बाले का, वाह रे बजरंगी क्या कहना भजन श्री हनुमान जी की भव्य महिमा और उनकी दिव्य उपस्थिति का गुणगान करता है। यह भजन भक्तों के हृदय में भक्ति और उल्लास की भावना जगाता है, जिससे वे हनुमान जी के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त कर सकें। बजरंगबली का उत्सव केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मा की जागृति और भक्तों के जीवन में उनके आशीर्वाद का प्रतीक है।

Ye Utsav Bajrang Bale Ka Wah Re Bajrangi Kya Kahana

ये उत्सव बजरंग बाले का,
ये लाल लंगोटे वाले का
वाह रे बजरंगी क्या कहना,
ऐ राम भक्त तेरा क्या कहना।।

वो लांघ समुन्दर पार गया,
रावण की लंका जार गया
लंका को जलाना क्या कहना,
रावण को डराना क्या कहना।।

संजीवन बूटी लाने को,
लक्ष्मण के प्राण बचाने को
पर्वत को उठाना क्या कहना,
लक्ष्मण को जिलाना क्या कहना।।

श्री राम प्रभु को प्यारा है,
अहिरावण को जा मारा है
ये राम दीवाना क्या कहना,
कहता है जमाना क्या कहना।।

ये उत्सव बजरंग बाले का,
ये लाल लंगोटे वाले का
वाह रे बजरंगी क्या कहना,
ऐ राम भक्त तेरा क्या कहना।।

हनुमान जी का उत्सव केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि भक्ति, शक्ति और सेवा का प्रतीक है। जब भक्त पूरे श्रद्धा भाव से उनका स्मरण करते हैं, तो उनके जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। यह भजन हमें बताता है कि बजरंगबली की कृपा से कोई भी बाधा असंभव नहीं रहती, हर संकट स्वयं ही दूर हो जाता है। उनके चरणों में सच्चे मन से समर्पित होने पर जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है।

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