वर दीजे हनुमान ह्रदय में ज्ञान की ज्योत ये जलती रहे

वर दीजे हनुमान ह्रदय में ज्ञान की ज्योत ये जलती रहे भजन हनुमान जी से आशीर्वाद की प्रार्थना करता है, जिसमें भक्त उनसे अपने ह्रदय में ज्ञान की अलौकिक ज्योत जलाने की विनती करते हैं। यह भजन भगवान हनुमान की महिमा को स्वीकार करते हुए, उनके भक्तों को उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन की आवश्यकता का संकेत देता है।

Var Dije Hanuman Hriday Me Gyan Ki Jyot Jalati Rahe

वर दीजे हनुमान ह्रदय में
ज्ञान की ज्योत ये जलती रहे,
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि
आपकी मूरत दिखती रहे,
वर दीजे हनुमान ह्रदय में।।

नित्य प्रति हरपल यूँ निरंतर
आप ही को प्रभु ध्याऊँ मैं,
जब भी विपदा आए कोई तो
शरण तिहारी आऊ मैं,
आपके चरणों में यूँ रहकर
श्रध्दा पल पल बढती रहे,
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि,
आपकी मूरत दिखती रहे।

वर दीजे हनुमान ह्रदय मे
ज्ञान की ज्योत ये जलती रहे,
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि
आपकी मूरत दिखती रहे,
वर दीजे हनुमान ह्रदय में।।

मन व्याकुल हो या हर्षाए,
सदा रहूँ मैं एक समान
भाग्य लिखी को मैं स्वीकारू,
समझ विधि का यही विधान
साहस और पराक्रम की सब,
सिख आपसे मिलती रहे
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि,
आपकी मूरत दिखती रहे।

वर दीजे हनुमान ह्रदय मे,
ज्ञान की ज्योत ये जलती रहे
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि,
आपकी मूरत दिखती रहे
वर दीजे हनुमान ह्रदय में।।

आप सत्य के ही प्रतिक है,
संतो से सुनता आया
बहुरूप है निर्भीक है,
बड़ी प्रबल सुन्दर काया
आपके गुण चतुराई की पूंजी,
भक्तो में भी बंटती रहे
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि,
आपकी मूरत दिखती रहे।

वर दीजे हनुमान ह्रदय मे
ज्ञान की ज्योत ये जलती रहे,
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि
आपकी मूरत दिखती रहे,
वर दीजे हनुमान ह्रदय में।।

लगन आपमें रहें यूँ मेरी,
और ना हो कोई मन में
शीश झुकें तो बस हनुमत,
केसरी नंदन के चरणों में
एक बार लगे धुन जो आपकी,
दिन दिन दुगनी बढ़ती रहे
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि,
आपकी मूरत दिखती रहे।

वर दीजे हनुमान ह्रदय मे,
ज्ञान की ज्योत ये जलती रहे
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि,
आपकी मूरत दिखती रहे
वर दीजे हनुमान ह्रदय में।।

सुनते है प्रभु तुम ही केवल,
राम भक्त कहलाते हो
सच्चा भक्त पुकारे तो तुम,
जलधि लांघ कर आते हो
युगयुग तक सियाराम के संगसंग,
आपकी पूजा चलती रहे
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि,
आपकी मूरत दिखती रहे।

वर दीजे हनुमान ह्रदय में,
ज्ञान की ज्योत ये जलती रहे
जहाँ तलक जाए मेरी द्रष्टि,
आपकी मूरत दिखती रहे
वर दीजे हनुमान ह्रदय में।।

यह भजन यह सिखाता है कि हनुमान जी की उपासना से हम केवल अपनी सांसारिक समस्याओं से नहीं मुक्ति पाते, बल्कि हमें जीवन में सच्चा ज्ञान, शांति और विवेक भी प्राप्त होता है। जब हम अपने ह्रदय में हनुमान जी का आशीर्वाद और उनके ज्ञान की ज्योत जलाते हैं, तो हम सच्चे मार्ग पर चलते हैं और जीवन के हर निर्णय में सही राह को पहचान पाते हैं। जय श्री हनुमान!

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