तेरे सीने में बसे रघुराई, बजरंगी तेरा क्या कहना भजन हनुमान जी की अटूट भक्ति और श्रीराम के प्रति उनकी अनन्य प्रेमभावना को समर्पित है। हनुमान जी केवल एक पराक्रमी देवता ही नहीं, बल्कि वे श्रीराम के सच्चे सेवक और भक्तों के रक्षक हैं। यह भजन उनकी भक्ति की महिमा का बखान करता है और हमें सिखाता है कि जब हम पूर्ण समर्पण और श्रद्धा के साथ प्रभु श्रीराम और हनुमान जी की भक्ति में लीन होते हैं, तो हर संकट स्वतः ही समाप्त हो जाता है।
Tere Sine Me Base Raghurai Bajrangi Tera Kya Kahana
दोहा –
बजरंगी मेरे भक्त तेरे,
दर पे जो भी आए,
तेरी कृपा से देवा।
वो तो एक दिन,
भव से भी तर जाए वो तार जाए।।
तेरे सीने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।
तूने सोने की लंका जलाई,
तूने सोने की लंका जलाई।
बजरंगी तेरा क्या कहना,
अग्नि हनुमत धारा बुझाई।
ओ देवा तेरा क्या कहना,
तूने सोने की लंका जलाई।
तूने सोने की लंका जलाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।
बाण लगा लक्ष्मण को,
संजीवनी तुम लाए।
सेवा से अपनी हनुमत,
रामा को तुम रिझाए।
प्रभु भक्ति तुमने निभाई,
प्रभु भक्ति तुमने निभाई।
बजरंगी तेरा क्या कहना,
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।
अशोक वाटिका जाकर,
सीता जी से मिल आए।
राम जी की अंगूठी लेके,
सिया माँ तक पहुंचाए।
सिया माँ की दया तूने पाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।
मैंने तुझे है पूजा,
भाये ना कोई दुजा।
सारे धाम घूम हम आये
हनुमान धारा मन भाये।
तेरी मूरत मन में बसाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।
तेरे सीने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।
तूने सोने की लंका जलाई,
तूने सोने की लंका जलाई।
बजरंगी तेरा क्या कहना,
अग्नि हनुमत धारा बुझाई।
ओ देवा तेरा क्या कहना,
तूने सोने की लंका जलाई।
तूने सोने की लंका जलाई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।
तेरे सिने में बसे रघुराई,
बजरंगी तेरा क्या कहना।।
हनुमान जी के हृदय में सदैव श्रीराम और माता सीता का वास है। उनकी भक्ति की गहराई और उनके सेवाभाव की पवित्रता उन्हें सबसे अनोखा और दिव्य बनाती है। यह भजन हमें यह संदेश देता है कि यदि हम भी अपने जीवन में प्रेम, समर्पण और निष्ठा के साथ श्रीराम का नाम जपें, तो हमारे जीवन के सभी कष्ट और विघ्न स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile