सालासर में बाबा का जो दरबार ना होता भजन लिरिक्स

सालासर में बाबा का जो दरबार ना होता भजन में सालासर धाम के पवित्र दरबार का बखान किया गया है, जहाँ बाबा हनुमान अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान करते हैं। यह भजन भक्तों के दिलों में आस्था और श्रद्धा को जगाता है, क्योंकि सालासर हनुमान जी का दरबार एक ऐसी जगह है जहाँ भक्तों की हर मन्नत पूरी होती है। यहाँ आने वाले भक्तों को बाबा का आशीर्वाद मिलता है, और उनकी कृपा से जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

Salasar Me Baba Ka Jo Darbar Na Hota

सालासर में बाबा का जो,
दरबार ना होता
हम भक्तों का फिर बेड़ा,
कभी भी पार ना होता।।

सालासर में भक्तों की,
आशाएं कौन उगाता
मेहंदीपुर में कष्टों का,
फिर साया कौन भगाता
दुख ही दुख होता,
दुख ही दुख होता
सुख का कोई आधार ना होता,
हम भक्तों का फिर बेड़ा,
कभी भी पार ना होता।।

मिलती ना कोई मंजिल,
सब रहते बीच डगर में
तूफानों में कोई नईया,
फसती है जैसे भंवर में
वो नईया डूबे जिसका
वो नईया डूबे जिसका,
खेवनहार ना होता
हम भक्तों का फिर बेड़ा,
कभी भी पार ना होता।।

सब करते रहते निंदा,
आपस में एक दूजे की
और कोई कभी ना कहता,
के भाई जय बाबा की
‘सोनी’ आपस में,
‘सोनी’ आपस में
किसी का कभी प्यार ना होता,
हम भक्तों का फिर बेड़ा,
कभी भी पार ना होता।।

सालासर में बाबा का जो,
दरबार ना होता
हम भक्तों का फिर बेड़ा,
कभी भी पार ना होता।।

यह भजन हमें यह सिखाता है कि बाबा हनुमान की उपस्थिति हमारे जीवन में हमेशा हमारे साथ होती है। जब भी हम संकट में होते हैं, हम सालासर बाबा के दरबार में आकर अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। उनकी शक्ति और कृपा से हम अपने जीवन में हर कठिनाई से उबर सकते हैं। सालासर धाम की पवित्रता और बाबा के आशीर्वाद से हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। हमेशा हमें उनके दरबार में श्रद्धा और विश्वास के साथ उपस्थित रहना चाहिए। जय श्रीराम! जय बजरंगबली!

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