हनुमान जी की भक्ति का महत्व अनंत है, और उनकी महिमा का गुणगान करना स्वयं को आध्यात्मिक शक्ति से भरने जैसा है। रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है हनुमान जी भजन प्रभु श्रीराम के प्रति बजरंगबली की अपार भक्ति और निःस्वार्थ सेवा को समर्पित है। यह भजन हमें यह संदेश देता है कि हनुमान जी का योगदान न केवल श्रीराम के जीवन में अतुलनीय था, बल्कि पूरी रघुकुल वंश पर उनका उपकार बना हुआ है।
Raghukul Tumhara Karzadar Hai
हनुमत से यूँ बोले रघुवर,
कर्जा भारी तेरा मुझ पर।
मुझ पर तुम्हारा बड़ा उपकार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।
हनुमत से यूँ बोले रघुवर,
कर्जा भारी तेरा मुझ पर।
मुझ पर तुम्हारा बड़ा उपकार है,
मुझ पर तुम्हारा बड़ा उपकार है।
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
तुम ना होते तो सीता को,
कैसे मैं पा सकता था।
बिन तेरे तो लक्ष्मण का भी,
बचना मुश्किल लगता था।
तुम्हारा वो बूटी लाना चमत्कार है,
तुम्हारा वो बूटी लाना चमत्कार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
जब जब होगा जनम मेरा तुम,
हरदम होंगे साथ मेरे।
कैसे तुमसे बिछड़ूँगा मैं,
तुम हो बाएं हाथ मेरे।
तुमसे ही मेरा ये परिवार है,
तुमसे ही मेरा ये परिवार है।
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
जन्म जनम तक ना उतरेगा,
ऐसा कर्ज चढ़ाया है।
भक्त शिरोमणि हनुमत को,
ये कहकर गले लगाया है।
आँखों से आंसुओ की बही धार है,
आँखों से आंसुओ की बही धार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
भक्त और भगवान मिले तो,
सभी देवता हर्षाए।
देख अनोखा मिलन सभी ने,
धन्ना पुष्प बरसाए।
झूमा ख़ुशी में सारा संसार है,
झूमा ख़ुशी में सारा संसार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
हनुमत से यूँ बोले रघुवर,
कर्जा भारी तेरा मुझ पर।
मुझ पर तुम्हारा बड़ा उपकार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।
हनुमत से यूँ बोले रघुवर,
कर्जा भारी तेरा मुझ पर।
मुझ पर तुम्हारा बड़ा उपकार है,
मुझ पर तुम्हारा बड़ा उपकार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
हनुमान जी केवल बल और शक्ति के प्रतीक ही नहीं, बल्कि निस्वार्थ प्रेम और भक्ति का सजीव उदाहरण भी हैं। रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है हनुमान जी भजन हमें यह स्मरण कराता है कि प्रभु श्रीराम और उनके भक्तों के प्रति बजरंगबली की निष्ठा अटूट थी। जब-जब भगवान राम ने संकट का सामना किया, हनुमान जी ने अपने अद्वितीय पराक्रम से उनकी रक्षा की और उनके कार्यों में सहयोग दिया। यही कारण है कि रघुकुल ही नहीं, संपूर्ण मानव जाति उनके इस उपकार की ऋणी है।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile