मेरे बालाजी के द्वार जो भी सच्चे मन से भजन लिरिक्स

मेरे बालाजी के द्वार जो भी सच्चे मन से भजन एक भक्त की पवित्र श्रद्धा और समर्पण को व्यक्त करता है। इसमें यह बताया गया है कि जो व्यक्ति सच्चे दिल से बालाजी (हनुमान जी) के द्वार पर जाता है और उनकी भक्ति करता है, उसे जीवन में शांति, समृद्धि और आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह भजन यह संदेश देता है कि अगर हमारे मन में शुद्धता और निष्ठा हो, तो भगवान हमारे द्वार तक खुद आकर हमारी सभी समस्याओं का समाधान कर देते हैं।

Mere Balaji Ke Dwar Jo Bhi Sachche Man Se

मेरे बालाजी के द्वार,
जो भी सच्चे मन से मांगे
उसको देते है बाला,
ये है दिलदार
क्यों हो गुम सुम,
कहो इनसे जरा तुम
रे भक्तो क्यों हो गुम सुम,
कहो इनसे जरा तुम।।

इनसे जिसने जो भी माँगा,
जो चाहा वो पाया है
कौन है जिसको मेरे प्रभु ने,
खाली ही लौटाया है
ये दयालु अपार,
दीन दुखियों का कर देते है
पल में बेड़ा पार,
ये है दिलदार
क्यों हो गुम सुम,
कहो इनसे जरा तुम
रे भक्तो क्यों हो गुम सुम,
कहो इनसे जरा तुम।।

जो भी इनके दर पे आया,
उसके सारे काम हुए
खुशियाँ मिल गई,
दोनों जहां की
पल में ही आराम हुए,
आए जो एक बार
फिर वो मांगे या ना मांगे,
उसको देते है बाबा
ये है दिलदार,
क्यों हो गुम सुम
कहो इनसे जरा तुम,
रे भक्तो क्यों हो गुम सुम,
कहो इनसे जरा तुम।।

भक्तो पर ये प्यार लुटाए,
सबके संकट हर लेते
जो भी आया इन चरणों में,
उसको अपना कर लेते
देते उसको उबार,
बेखबर मेरे बाला का ये
सच्चा है दरबार,
ये है दिलदार
क्यों हो गुम सुम,
कहो इनसे जरा तुम
रे भक्तो क्यों हो गुम सुम,
कहो इनसे जरा तुम।।

मेरे बालाजी के द्वार,
जो भी सच्चे मन से मांगे
उसको देते है बाला,
ये है दिलदार
क्यों हो गुम सुम,
कहो इनसे जरा तुम
रे भक्तो क्यों हो गुम सुम,
कहो इनसे जरा तुम।।

यह भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान के द्वार पर जाने से किसी भी प्रकार की चिंता और संकट समाप्त हो जाते हैं, बशर्ते हमारी श्रद्धा और भक्ति सच्ची हो। बालाजी के द्वार पर जाना केवल शारीरिक रूप से नहीं, बल्कि अपने मन और ह्रदय को शुद्ध करके उनसे संपर्क करना है। जब हम पूरी निष्ठा से उनके सामने आते हैं और अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं, तो भगवान हमारे जीवन में सुख, शांति और आशीर्वाद भर देते हैं।

Leave a comment