लेके संजीवनी संकट को मिटाने आजा भजन लिरिक्स

लेके संजीवनी संकट को मिटाने आजा भजन भगवान हनुमान की अद्वितीय शक्ति और उनकी कृपा को दर्शाता है। इस भजन में भक्त हनुमान जी से निवेदन करते हैं कि वह संजीवनी बूटी लेकर आयें, जो जीवन के हर संकट और कठिनाई को दूर कर दे। इस भजन के माध्यम से भक्त अपने विश्वास और श्रद्धा को व्यक्त करते हैं, यह जानते हुए कि हनुमान जी उनके हर संकट का समाधान कर सकते हैं।

Leke Sanjeevani Sankat Ko Mitane Aaja

लेके संजीवनी संकट को,
मिटाने आजा
वीर बजरंगी लखन भैया को,
बचाने आजा
मेरे बजरंगी लखन भैया को,
बचाने आजा।।

देर हो जाएगी तो,
प्राण निकल जाएँगे
माँ सुमित्रा को भला कौन,
मुँह दिखाएँगे
सब कहेंगे की यहाँ,
राम ने नादानी की
अपनी पत्नी के लिए,
भाई की क़ुर्बानी दी
अपने इस राम को,
अपयश से बचाने आजा
वीर बजरंगी लखन भैया को,
बचाने आजा
मेरे बजरंगी लखन भैया को,
बचाने आजा।।

दुख में नल नील,
जामवंत और सुग्रीव यहाँ
मेरे हनुमंत तुमने,
कर दी इतनी देर कहाँ
पुरे ब्रह्मांड में ना ऐसा,
कोई शोक हुआ
की जिसकी आह से,
आहत ये तीनो लोक हुआ
गीत अब ‘अनुज’ का,
‘देवेंद्र’ सुनाने आजा
वीर बजरंगी लखन भैया को,
बचाने आजा
मेरे बजरंगी लखन भैया को,
बचाने आजा।।

लेके संजीवनी संकट को,
मिटाने आजा
वीर बजरंगी लखन भैया को,
बचाने आजा
मेरे बजरंगी लखन भैया को,
बचाने आजा।।

यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि हनुमान जी के पास असाधारण शक्तियाँ हैं, जो किसी भी संकट का निवारण कर सकती हैं। जब हम अपनी समस्याओं में घिरते हैं, तो हमें हनुमान जी की शक्ति और उनके आशीर्वाद का स्मरण करना चाहिए, क्योंकि वह हमें मुश्किलों से उबारने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हनुमान जी के दरबार में कोई भी संकट बड़ा नहीं होता, क्योंकि उनकी शक्ति और कृपा से हमें हर परिस्थिति का सामना करने की ताकत मिलती है। हमें हमेशा उनके नाम का जाप करते हुए विश्वास रखना चाहिए कि वह हमारे साथ हैं। जय बजरंगबली! जय हनुमान!

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