जब जब भी संकट का मुझ पर घेरा होता है भजन लिरिक्स

जब जब भी संकट का मुझ पर घेरा होता है भजन भगवान हनुमान जी की कृपा और उनकी अनंत शक्ति को समर्पित है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि जीवन में जब-जब कठिनाइयाँ आती हैं, जब विपत्तियों का अंधकार हमें घेर लेता है, तब हनुमान जी का स्मरण करना ही सबसे बड़ा सहारा बनता है। यह भजन हमें उनके प्रति अटूट विश्वास रखने और हर परिस्थिति में उनके नाम का आश्रय लेने की प्रेरणा देता है।

Jab Jab Sankat Ka Mujh Par Ghera Hota Hai

जब जब भी संकट का मुझ पर,
घेरा होता है
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है।।

जब से आए घर में मेरे,
घर के संकट भाग गए
हम तो सोए थे गहरी नींद में,
हनुमान जी जाग रहे
हर गली हर कुचे इनका,
हर गली हर कुचे इनका
बसेरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का
पहरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का
पहरा होता है।।

मुझसे ज्यादा चिंता करते,
ये मेरे घर बार की
करते है रखवाली हरदम,
ये मेरे परिवार की
जपते जपते नाम इन्ही का,
जपते जपते नाम इन्ही का
सवेरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का
पहरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है।।

श्री राम का सेवक है ये
भक्तो का रखवाला है,
इसकी महिमा बहुत बडी है
इसका खेल निराला है,
भक्तो से भगवान का रिश्ता
भक्तो से भगवान का रिश्ता,
गहरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का
पहरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है।।

जब जब भी संकट का मुझ पर,
घेरा होता है
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है।।

हनुमान जी सच्चे मन से की गई प्रार्थना को कभी अनसुना नहीं करते। जब भक्त कष्ट में होता है, तो वे संकटमोचन बनकर उसकी रक्षा के लिए दौड़े चले आते हैं। यह भजन हमें सिखाता है कि चाहे कैसी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो, यदि हम पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ हनुमान जी का स्मरण करें, तो वे हमारी सभी बाधाओं को समाप्त कर देंगे।

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