हे संकट मोचन करते है वंदन भजन लिरिक्स

हे संकट मोचन, करते हैं वंदन भजन श्री हनुमान जी की महिमा और उनकी कृपा का गुणगान करता है। यह भजन हमें स्मरण कराता है कि हनुमान जी ही वे महाबली हैं, जो भक्तों के सभी कष्टों को हरने वाले और उनके जीवन को सुख-शांति से भरने वाले हैं। जब भी कोई भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से उनका वंदन करता है, तो वे उसकी हर विपत्ति को हर लेते हैं और उसे शक्ति व साहस प्रदान करते हैं।

Hey Sankat Mochan Karte Hai Vandan

हे संकट मोचन करते है वंदन,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे
सालासर वाले तुम हो रखवाले,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे।।

सिवा तेरे ना दूजा हमारा,
तू ही आकर के देता सहारा
जो भी विपदा आए,
पल में मिट जाए
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे।।

तूने रघुवर के दुखड़ो को टाला
हर मुसीबत से उनको निकाला,
रघुवर के प्यारे
आँखों के तारे,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे।।

अपने भगतो के दुखड़े मिटाते
‘हर्ष’ आफत से हमको बचाते,
किरपा यूँ रखना
थामे तू रखना,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे।।

हे संकट मोचन करते है वंदन,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे
सालासर वाले तुम हो रखवाले,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे।।

हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के हर संकट को पलभर में दूर कर देते हैं। यह भजन हमें यह विश्वास दिलाता है कि जब भी हम सच्चे मन से उनकी अराधना करेंगे, तो वे हमारी हर परेशानी का समाधान करेंगे। चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं, हनुमान जी का आशीर्वाद हमें हर कठिन दौर से बाहर निकाल सकता है। उनकी भक्ति से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि आत्मबल भी बढ़ता है।

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