हे पवन के तनय वीर हनुमान जी भजन भगवान हनुमान की वीरता

हे पवन के तनय वीर हनुमान जी भजन भगवान हनुमान की वीरता, शक्ति और भक्ति को समर्पित है। इस भजन में भक्त हनुमान जी से आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं, क्योंकि वह पवन पुत्र हैं, जो संकटों को हरने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। इस भजन में उनकी महानता को चिह्नित किया गया है, और भक्त उन्हें अपनी संकटों के निवारण के लिए पुकारते हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि हनुमान जी की कृपा से कोई भी कठिनाई नहीं टिक सकती।

Hey Pavan Ke Tanay Veer Hanuman Ji

हे पवन के तनय वीर हनुमान जी,
कब से करता विनय आप आ जाइये
नाव मजधार में आज मेरी फसी,
पार आकर के उसको लगा जाइए।।

बालपन में ही भक्षण किया सूर्य का
तीनो लोकों में छाया अंधेरा घना,
वीर बजरंग बाँके महावीर फिर
वीर बजरंग बाँके महावीर फिर,
अपना बल और पराक्रम दिखा जाइये।।

वीरता में पराक्रम में बलबुद्धि में
भक्ति में भाव में कोई तुझसा नही,
बस उसी भक्ति का भाव संसार को
बस उसी भक्ति का भाव संसार को,
फिर से आके जरा सा दिखा जाइए।।

नाम लेने से ही बस महावीर का
दूर संकट सभी झट से हो जाते हैं,
‘अम्बिका’ हैं शरण में ये राउर तेरे
‘अम्बिका’ हैं शरण में ये राउर तेरे,
लाज निर्मोही की अब बचा जाइये।।

हे पवन के तनय वीर हनुमान जी,
कब से करता विनय आप आ जाइये
नाव मजधार में आज मेरी फसी,
पार आकर के उसको लगा जाइए।।

हनुमान जी की पूजा में एक विशेष शक्ति है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि ला सकती है। उनका आशीर्वाद भक्तों के जीवन को सशक्त बनाता है और उनकी समस्याओं का समाधान करता है। वह सच्चे श्रद्धालु के संकटों को दूर करते हुए जीवन में शांति और सुख का संचार करते हैं। जब हम हनुमान जी के नाम का उच्चारण करते हैं, तो उनका आशीर्वाद हमारे साथ होता है। हमें केवल उन्हें समर्पित होकर उनके मार्गदर्शन को अपनाना चाहिए। जय श्री हनुमान! जय बजरंगबली!

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