दास रघुनाथ का नंद सुत का सखा भजन भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण के अद्भुत संबंध को प्रकट करता है। यह भजन भक्तों को यह समझाता है कि हनुमान जी न केवल श्री राम के परम भक्त हैं, बल्कि वे श्री कृष्ण के भी सखा और परम भक्त हैं। भक्त इस भजन के माध्यम से भगवान श्री राम और श्री कृष्ण की उपासना करने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।
Das Raghunath Ka Nand Sut Ka Sakha
दास रघुनाथ का…
नंद सुत का सखा,
कुछ ईधर भी रहा…
कुछ ऊधर भी रहा,
सुख मिला श्री अवध…
और बृजवास का,
कुछ ईधर भी रहा…
कुछ ऊधर भी रहा,
दास रघुनाथ का।।
मैथली ने कभी मोद…
मोदक दिया,
राधिका ने कभी…
गोद में ले लिया,
मातृ सत्कार में…
मग्न होकर सदा,
कुछ ईधर भी रहा…
कुछ ऊधर भी रहा,
दास रघुनाथ का।।
खूब ली है प्रसादी,
अवधराज की…
खूब झूठन मिली,
यार बृजराज की…
भोग मोहन चखा,
दूध माखन चखा…
कुछ ईधर भी रहा,
कुछ ऊधर भी रहा,
दास रघुनाथ का।।
कोई नर या ईधर…
या ऊधर ही रहा,
कोई नर ना इधर…
ना उधर ही रहा,
‘बिन्दु’ दोनो तरफ…
ले रहा है मजा,
कुछ ईधर भी रहा…
कुछ ऊधर भी रहा,
दास रघुनाथ का।।
दास रघुनाथ का…
नंद सुत का सखा,
कुछ ईधर भी रहा…
कुछ ऊधर भी रहा,
सुख मिला श्री अवध…
और बृजवास का,
कुछ ईधर भी रहा…
कुछ ऊधर भी रहा,
दास रघुनाथ का।।
यह भजन हनुमान जी के भव्य रूप और उनके अद्वितीय समर्पण को उजागर करता है। जैसे हनुमान जी ने श्री राम और श्री कृष्ण की भक्ति में अपने जीवन को समर्पित कर दिया, वैसे ही हमें भी अपने जीवन में भक्ति और समर्पण की भावना को अपनाना चाहिए। हनुमान जी के चरणों में शरण लेने से सभी बाधाएँ दूर होती हैं और भक्तों को जीवन में शक्ति और आशीर्वाद मिलता है। जय श्री हनुमान!

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile