बजरंगी की पूजा होती मंगल और शनिवार लिरिक्स

बजरंगी की पूजा होती मंगल और शनिवार भजन हनुमान जी की पूजा और उनके प्रति भक्तों की श्रद्धा को व्यक्त करता है। यह भजन बताता है कि बजरंगबली की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को की जाती है, क्योंकि इन दिनों हनुमान जी के विशेष आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होती है। हनुमान जी की पूजा से भक्तों को शक्ति, साहस और संकटों से मुक्ति मिलती है।

Bajrangi Ki Puja Hoti Mangal Aur Shanivar

बजरंगी की पूजा होती,
मंगल और शनिवार
मेहन्दीपुर लगा के बैठे,
बाला जी अपना दरबार
मेहन्दीपुर लगा के बैठे,
बाला जी अपना दरबार।।

हाथ में मुगधर लाल लंगोटा,
रूप विशाल
ये बलकारी मारुति नंदन,
बे-मिसाल
चैत्र सुदी पूनम को जन्मे,
चैत्र सुदी पूनम को जन्मे
महिमा है अपरम्पार,
मेहन्दीपुर लगा के बैठे,
बाला जी अपना दरबार।।

प्रभु राम का जिसने भी
गुण गाया है,
बजरंगी ने उसको
गले लगाया है,
ले के शरण में अपनी उसको,
ले के शरण में अपनी उसको
कर देते उद्धार,
मेहन्दीपुर लगा के बैठे,
बाला जी अपना दरबार।।

कैसी भी हो विपदा
दूर भागते है,
इसलिए संकटमोचन
कहलाते है,
नर तो क्या नारायण भी
नर तो क्या नारायण भी,
माने इसका उपकार
मेहन्दीपुर लगा के बैठे,
बाला जी अपना दरबार।।

मंगल कारी मंगल,
करते है प्रभु
शनिवार को भक्त चढ़ाते,
इन्हें सिंदूर
‘रूबी रिधम’ दर शीश झुकाते,
‘रूबी रिधम’ दर शीश झुकाते
करते जय जयकार,
मेहन्दीपुर लगा के बैठे,
बाला जी अपना दरबार।।

बजरंगी की पूजा होती,
मंगल और शनिवार
मेहन्दीपुर लगा के बैठे,
बाला जी अपना दरबार
मेहन्दीपुर लगा के बैठे,
बाला जी अपना दरबार।।

हनुमान जी की पूजा करते समय हमें उनके महान कार्यों, उनके साहस और राम के प्रति उनके समर्पण का स्मरण करना चाहिए। उनका आशीर्वाद हमें अपने जीवन में हर कठिनाई का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। यह भजन हमें प्रेरित करता है कि हम हर मंगलवार और शनिवार को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ हनुमान जी की पूजा करें।

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