अरे लंका वालो, रावण से कह दो भजन श्री हनुमान जी की अद्भुत शक्ति और उनकी अजेय भक्ति का प्रतीक है। यह भजन उस दिव्य क्षण की याद दिलाता है जब हनुमान जी अकेले ही लंका नगरी में प्रवेश कर गए और रावण को उसके अहंकार का दंड देने का संकेत दिया। यह भजन हनुमान जी की वीरता और उनके अपराजेय तेज का गुणगान करता है।
Are Lanka Walo Ravan Se Kah Do
दोहा –
कह दो कह दो रावण से ये,
अरे ओ लंका वालो।
की तेरी लंका में,
बलवान एक आया है।
बचाई जाए तो बचा लो जान,
मिटाने नाम वो,
तेरे नगर का आया है।।
अरे लंका वालो,
रावण से कह दो।
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।
गदा संग है भारी,
वीर बलकारी,
चखाने मज़ा अंजनी।
पूत आ गया है,
अरें लंका वालो।
रावण से कह दो,
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
पार सातो सिंधु,
करके वो आया,
लंकनी से भी ना।
वो रुक पाया,
एक लात मारी,
असुरी पछारी।
कपि एक बड़ा अब,
दूत आ गया है,
अरें लंका वालो।
रावण से कह दो,
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
बाग और उपवन,
उसने उजाड़े,
कुछ वृक्ष तोड़े।
कुछ है उखाड़े,
रुकता ना रोके।
ताल सब को ठोके,
मचाता वो लंका में,
लूट आ गया है।
अरें लंका वालो,
रावण से कह दो।
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
मिटा दूँगा मैं तेरी,
सोने की लंका।
कहे है वो वानर ये,
बजाकर के डंका।
कुछ ना रहेगा,
सब कुछ जलेगा,
असुरो का मिटाने अब।
सबूत आ गया है,
गदा संग है भारी।
वीर बलकारी,
चखाने मज़ा अंजनी,
पूत आ गया है।
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है,
अरें लंका वालो।
रावण से कह दो,
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
अरे लंका वालो,
रावण से कह दो।
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।
गदा संग है भारी,
वीर बलकारी।
चखाने मज़ा अंजनी,
पूत आ गया है,
अरें लंका वालो।
रावण से कह दो,
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
दोहा – कह दो कह दो रावण से ये,
अरे ओ लंका वालो।
की तेरी लंका में,
बलवान एक आया है।
बचाई जाए तो बचा लो जान,
मिटाने नाम वो,
तेरे नगर का आया है।
अरे लंका वालो,
रावण से कह दो।
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।
गदा संग है भारी,
वीर बलकारी,
चखाने मज़ा अंजनी।
पूत आ गया है,
अरें लंका वालो,
रावण से कह दो।
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
पार सातो सिंधु,
करके वो आया,
लंकनी से भी ना।
वो रुक पाया,
एक लात मारी,
असुरी पछारी।
कपि एक बड़ा अब,
दूत आ गया है,
अरें लंका वालो।
रावण से कह दो,
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
बाग और उपवन,
उसने उजाड़े,
कुछ वृक्ष तोड़े।
कुछ है उखाड़े,
रुकता ना रोके,
ताल सब को ठोके।
मचाता वो लंका में,
लूट आ गया है।
अरें लंका वालो,
रावण से कह दो।
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
मिटा दूँगा मैं तेरी,
सोने की लंका,
कहे है वो वानर ये।
बजाकर के डंका,
कुछ ना रहेगा।
सब कुछ जलेगा,
असुरो का मिटाने अब,
सबूत आ गया है।
गदा संग है भारी,
वीर बलकारी,
चखाने मज़ा अंजनी।
पूत आ गया है,
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।
अरें लंका वालो,
रावण से कह दो।
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
अरे लंका वालो,
रावण से कह दो।
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।
गदा संग है भारी,
वीर बलकारी।
चखाने मज़ा अंजनी,
पूत आ गया है,
अरें लंका वालो।
रावण से कह दो,
लंका में तेरी राम,
दूत आ गया है।।
हनुमान जी केवल शक्ति और पराक्रम के प्रतीक ही नहीं, बल्कि धर्म और भक्ति के मार्गदर्शक भी हैं। जब उन्होंने लंका में प्रवेश किया, तो वे अकेले होकर भी निर्भय थे, क्योंकि उनके हृदय में श्रीराम जी का नाम बसा था। यह भजन हमें सिखाता है कि जब हमारा आत्मबल दृढ़ होता है और हमारी आस्था अटूट होती है, तो संसार की कोई भी शक्ति हमें हिला नहीं सकती। हनुमान जी का साहस हमें यह प्रेरणा देता है कि हम अपने जीवन में भी अधर्म और अन्याय के विरुद्ध सच्चाई और निष्ठा के साथ खड़े रहें।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile