अमृत की बरसे बदरीया बाबा की दुअरिया भजन लिरिक्स

अमृत की बरसे बदरीया बाबा की दुअरिया भजन एक भव्य और भक्तिपूर्ण गीत है, जो बाबा के आशीर्वाद और कृपा की महिमा को व्यक्त करता है। इसमें बाबा की दरबार को अमृत की धारा की तरह चित्रित किया गया है, जो भक्तों के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लेकर आता है। यह भजन बाबा की महानता और उनके भक्तों के लिए करुणा को दर्शाता है, जो अपने भक्तों को सदैव सुख और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

Amrit Ki Barase Badariya Baba Ki Duariya

अमृत की बरसे बदरीया,
बाबा की दुअरिया
अमृत की बरसें बदरीया,
बाबा की दुअरिया।।

दादुर मोर पपीहा बोले,
दादुर मोर पपीहा बोले
कूके काली कोयलिया,
बाबा की दुअरिया
अमृत की बरसें बदरीया,
बाबा की दुअरिया।।

भगत बाबा की आरती की उतारे,
भगत बाबा की आरती की उतारे
भीड़ है तेरी नगरिया,
बाबा की दुअरिया
अमृत की बरसें बदरीया,
बाबा की दुअरिया।।

चन्दन तिलक चाँद सा चमके,
चन्दन तिलक चाँद सा चमके
राम जी देखे नजरिया,
बाबा की दुअरिया
अमृत की बरसें बदरीया,
बाबा की दुअरिया।।

ब्रह्मा विष्णु शंकर नाचे,
ब्रह्मा विष्णु शंकर नाचे
मोहन बजाए बंसुरिया,
बाबा की दुअरिया
अमृत की बरसें बदरीया,
बाबा की दुअरिया।।

अमृत की बरसे बदरीया,
बाबा की दुअरिया
अमृत की बरसें बदरीया,
बाबा की दुअरिया।।

इस भजन के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि बाबा की दरबार में आने से हर समस्या का समाधान मिल सकता है, और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख और समृद्धि का संचार होता है। जब हम सच्चे दिल से बाबा के दरबार में प्रार्थना करते हैं, तो उनकी कृपा हमें हमेशा मार्गदर्शन देती है और हमारे जीवन को अमृतमय बना देती है। हमें अपने दिल में विश्वास और श्रद्धा बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि बाबा के दरबार में हर भक्त के लिए स्थान है और उनकी कृपा से हम हर कठिनाई से बाहर निकल सकते हैं। जय बाबा!

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