भारतवर्ष में ऐसे अनेक पवित्र स्थल हैं, जहाँ श्रद्धालु तन, मन और आत्मा तीनों का कल्याण पाते हैं। धन्वंतरि टेम्पल ऐसा ही एक चमत्कारी धाम है, जहाँ आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि स्वयं पूजे जाते हैं। Dhanvantri Temple न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि आयुर्वेद, चिकित्सा और रोग निवारण में विश्वास रखने वालों के लिए एक प्रेरणा स्थल भी है। इस लेख में जानिए इस मंदिर से जुड़ी पूरी जानकारी –
मंदिर दर्शन का समय और विशेष दिन
- दर्शन का समय: मंदिर के दर्शन आमतौर पर दो समय में होते हैं:
- प्रातः 6:00 बजे से 12:00 बजे तक
- सायं 4:30 बजे से 8:30 बजे तक
- कुछ मंदिरों में समय स्थान के अनुसार थोड़ा आगे-पीछे हो सकता है, अतः जाने से पहले स्थानीय जानकारी अवश्य लें।
- विशेष दिन:
- धनतेरस (धन्वंतरि जयंती) – यह सबसे विशेष दिन होता है जब भक्त हजारों की संख्या में भगवान धन्वंतरि के दर्शन करने आते हैं।
- हर मास की त्रयोदशी तिथि – इस दिन भी विशेष पूजा व अभिषेक होते हैं।
- सबसे शुभ समय:
- ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर का दर्शन और पूजा अत्यंत फलदायक मानी जाती है, खासकर जब आप आरोग्य की कामना से जा रहे हों।
- सुबह की शांत ऊर्जा और मंत्रोच्चारण का कंपन वातावरण को दिव्य बना देता है।
भारत के प्रमुख Dhanvantri Temple और वहाँ कैसे पहुँचे
आइए जानते हैं भगवान धन्वंतरि से जुड़े कुछ ऐसे प्रमुख मंदिरों के बारे में, जिनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली है। अगर आप भी आरोग्य, भक्ति और आयुर्वेद की शक्ति को करीब से महसूस करना चाहते हैं, तो इन स्थानों की यात्रा ज़रूर करें।
- धन्वंतरि टेम्पल – कोयंबटूर, तमिलनाडु
- धन्वंतरि मंदिर – त्रिशूर, केरल
- धन्वंतरि मंदिर – अहमदाबाद, गुजरात
- श्री धन्वंतरि मंदिर – वाराणसी, उत्तर प्रदेश
1. Dhanvantri Temple Coimbatore, Tamilnaidu
Dhanvantari Temple Bangalore में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक केंद्र है, जो भगवान धन्वंतरि की उपासना और आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है। यह पीठ न केवल एक मंदिर के रूप में कार्य करता है, बल्कि आयुर्वेदिक उपचार, आध्यात्मिक साधना, और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का संगम स्थल भी है।
स्थान
Olymbus, Dhanvantri Nagar, Ramanathapuram, Coimbatore, Tamil Nadu 641045
विशेषता
- यहाँ भगवान धन्वंतरि की विशाल प्रतिमा है। मंदिर परिसर में आयुर्वेद पर आधारित रिसर्च सेंटर भी है।
- प्रत्येक धनतेरस को यहाँ विशेष यज्ञ और आरोग्य हवन होता है।
कैसे पहुँचे
- रेल द्वारा: कोयंबटूर रेलवे स्टेशन से 6 किमी दूर।
- हवाई मार्ग: कोयंबटूर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से मात्र 4-5 किमी।
- सड़क मार्ग: NH 544 से सीधी बस और टैक्सी की सुविधा।
2. धन्वंतरि मंदिर – त्रिशूर, केरल
धन्वंतरि टेम्पल – त्रिशूर, केरल एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। यह मंदिर केरल की पारंपरिक वास्तुकला और आध्यात्मिक वातावरण का सुंदर संगम प्रस्तुत करता है।
स्थान
Kottakkal Arya Vaidya Sala, Trissur District, Kerala
विशेषता
- यहाँ भगवान धन्वंतरि की पूजा आयुर्वेदिक उपचार और पंचकर्म से पहले की जाती है।
- पूरे मंदिर में औषधीय पौधों की खुशबू फैली रहती है।
कैसे पहुँचे
- रेल द्वारा: त्रिशूर रेलवे स्टेशन से 20 किमी।
- हवाई मार्ग: कोचीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से लगभग 60 किमी।
- सड़क मार्ग: राज्य परिवहन की बसें व टैक्सी सुविधा उपलब्ध।
3. धन्वंतरि मंदिर – अहमदाबाद, गुजरात
धन्वंतरि मंदिर – अहमदाबाद, गुजरात एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक साधना का केंद्र है, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ नियमित रूप से धन्वंतरि मंत्रों का जाप, विशेष पूजन, और आयुर्वेदिक शिविरों का आयोजन किया जाता है।
स्थान
Near Civil Hospital, Asarwa, Ahmedabad
विशेषता
- यह मंदिर खासकर डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट्स के बीच लोकप्रिय है।
- हर रविवार को आरोग्य आरती और निःशुल्क मेडिकल कैम्प लगाए जाते हैं।
कैसे पहुँचे
- रेल द्वारा: अहमदाबाद रेलवे स्टेशन से 5 किमी।
- हवाई मार्ग: सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट से 8 किमी।
- सड़क मार्ग: लोकल ऑटो, टैक्सी और बस सुविधा।
4. श्री धन्वंतरि मंदिर – वाराणसी, उत्तर प्रदेश
श्री धन्वंतरि मंदिर – वाराणसी, उत्तर प्रदेश एक अद्वितीय और ऐतिहासिक मंदिर है, जो भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। यह मंदिर वाराणसी के चौक स्थित सुड़िया क्षेत्र में स्थित है और इसकी स्थापना लगभग 326 वर्ष पूर्व हुई थी। मंदिर में स्थापित भगवान धन्वंतरि की अष्टधातु निर्मित मूर्ति लगभग ढाई फीट ऊँची है, जिसमें वे चार भुजाओं में शंख, चक्र, अमृत कलश और जोंक धारण किए हुए हैं, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली के प्रतीक हैं ।
स्थान
Assi Ghat के पास, काशी
विशेषता
- यहाँ गंगा तट के पास धन्वंतरि देव की पूजा होती है।
- मंदिर परिसर में आयुर्वेदिक औषधालय भी चलता है।
कैसे पहुँचे
- रेल द्वारा: वाराणसी जंक्शन से 6 किमी।
- हवाई मार्ग: बाबतपुर एयरपोर्ट से 22 किमी।
- सड़क मार्ग: लोकल टैक्सी और ई-रिक्शा आसानी से उपलब्ध।
यात्रा सुझाव
- यात्रा से पहले मंदिर की वेबसाइट या स्थानीय संपर्क सूत्र से समय की पुष्टि ज़रूर करें।
- दर्शन के समय शुद्ध वस्त्र, तुलसी-दल, और अगरबत्ती लेकर जाना शुभ माना जाता है।
अगर आप इन मंदिरों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो हमारे धन्वंतरि मंत्र और धन्वंतरि श्लोक के जाप विधि वाले लेख भी ज़रूर पढ़ें, ताकि आपकी भक्ति यात्रा हो पूर्ण और फलदायक। भक्ति संदेश पर हम आपको हर पहलू से जोड़ते हैं, भक्ति, आरोग्य और आध्यात्मिकता से।
इन मंदिर से जुड़ी प्रमुख जानकारियाँ
- मंदिर का स्थान: सबसे प्रसिद्ध धन्वंतरि मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के कोयम्बटूर जिले में स्थित है – जिसे धन्वंतरि पीठम के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा केरल, गुजरात, और उत्तर प्रदेश में भी कई मंदिर हैं जहाँ भगवान धन्वंतरि की विशेष आराधना होती है।
- मंदिर का महत्व: भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक, और त्रैलोक्य के वैद्य माना गया है। इस मंदिर में श्रद्धालु न केवल भक्ति के लिए आते हैं, बल्कि स्वास्थ्य लाभ और शारीरिक रोगों से मुक्ति की कामना लेकर भी आते हैं।
- प्रमुख पर्व व आयोजन: धन्वंतरि जयंती (धनतेरस) को यहाँ विशेष पूजा, हवन, और भव्य आरती का आयोजन होता है। इस दिन विशेष रूप से रोगियों के लिए आरोग्य यज्ञ किया जाता है।
- मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय शैली में बना यह मंदिर स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। यहाँ की नक्काशी, विशाल प्रांगण, और शुद्ध वातावरण श्रद्धालुओं को अध्यात्म से भर देता है।
- मंदिर में पूजा विधि: मंदिर में दीपक जलाकर, तुलसी दल चढ़ाकर और धन्वंतरि मंत्र का जाप करते हुए भगवान का पूजन किया जाता है। यहाँ आयुर्वेदिक औषधियों से युक्त अभिषेक भी होता है जो एक विशेष परंपरा मानी जाती है।
FAQ
कोयंबटूर और त्रिशूर के धन्वंतरि मंदिर में कौन-कौन सी पूजा होती है?
इन मंदिरों में नियमित धन्वंतरि होम, अभिषेक, आरती, और विशेष अवसरों पर धन्वंतरि जयंती मनाई जाती है।
क्या इन मंदिरों में दान या सेवा करने की सुविधा है?
हाँ, भक्त दान, अन्नदान, औषधि वितरण आदि सेवा कार्यों में भाग ले सकते हैं। कई मंदिरों में “सेवा ट्रस्ट” के माध्यम से यह संभव है।
क्या मंदिर में रुकने की व्यवस्था है?
हाँ, कुछ मंदिरों में भक्तों के लिए अतिथि भवन या धर्मशाला की सुविधा भी उपलब्ध होती है।
क्या यहाँ विशेष रूप से आरोग्य की पूजा होती है?
हाँ, यहाँ स्वास्थ्य लाभ के लिए विशेष पूजा, हवन और मंत्रजाप होते हैं।
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱