तेरे भरोसे मेरा जीवन दुनिया की परवाह नहीं

Tere Bharose Mera Jeevan Duniya Ki Parwah Nahi

तेरे भरोसे मेरा जीवन,
दुनिया की परवाह नहीं,
साथ मेरे तू कन्हैया,
और कुछ भी चाह नहीं।।

मेरा जीवन चल रहा था,
दूर थी मंजिल बड़ी,
नैया मेरी लग रहा था,
ऐसे की ऐसे खड़ी,
हाथ तेरे मेरी नैया,
मंजिल की परवाह नहीं,
साथ मेरे तू कन्हैया,
और कुछ भी चाह नहीं।।

सोना चांदी धन और दौलत,
इसकी चाहत क्यों करूँ,
तू है दाता तू है मालिक,
क्यों मेरी चिन्ता करूँ,
तुमसे तुमको मांगता हूँ,
और कुछ भी चाह नही,
साथ मेरे तू कन्हैया,
और कुछ भी चाह नहीं।।

तुमसे ही ‘गोपाल’ बना है,
मेरा ये विश्वास है,
तेरी सेवा में समर्पित,
मेरी इक इक सांस है,
सांस मेरी दी है तुमने,
सांसो की परवाह नहीं,
साथ मेरे तू कन्हैया,
और कुछ भी चाह नहीं।।

तेरे भरोसे मेरा जीवन,
दुनिया की परवाह नहीं,
साथ मेरे तू कन्हैया,
और कुछ भी चाह नहीं।।

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