मंगल मूरति राम दुलारे भजन लिरिक्स

हनुमान जी को भक्तों ने हमेशा संकटमोचन, अंजनी पुत्र और राम भक्त के रूप में पूजा है। मंगल मूरति राम दुलारे भजन में उनके दिव्य स्वरूप, अटूट भक्ति और परोपकारी स्वभाव का गुणगान किया गया है। जब भी हम भगवान श्रीराम का स्मरण करते हैं, हनुमान जी की छवि हमारे मन-मस्तिष्क में स्वतः ही आ जाती है। यह भजन उनके कृपालु स्वरूप को समर्पित है, जो अपने भक्तों के हर दुख को हर लेते हैं और जीवन में मंगल भर देते हैं।

Mangal Murati Ram Dulare

मंगल मूरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण
हे महावीर करो कल्याण।।

तीनो लोक तेरा उजियारा,
दुखियों का तूने काज सवारा
हे जगवंदन केसरी नंदन,
हे जगवंदन केसरी नंदन
कष्ट हरो हे कृपा निधान,
कष्ट हरो हे कृपा निधान।

मंगल मुरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण
हे महावीर करो कल्याण।।

तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया
दुर्गम काज बनावन हारे,
दुर्गम काज बनावन हारे
मंगलमय दीजो वरदान,
मंगलमय दीजो वरदान।

मंगल मुरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण
हे महावीर करो कल्याण।।

तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा
राम लखन सीता मन बसिया,
राम लखन सीता मन बसिया
शरण पड़े का कीजे ध्यान,
शरण पड़े का कीजे ध्यान।

मंगल मूरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण
हे महावीर करो कल्याण।।

हनुमान जी केवल एक वीर योद्धा ही नहीं, बल्कि भक्तों के हर कष्ट को हरने वाले मंगलमूर्ति भी हैं। मंगल मूरति राम दुलारे भजन हमें उनकी परम भक्ति की याद दिलाता है और उनके चरणों में शीश झुकाने को प्रेरित करता है। यदि इस भजन ने आपके मन में हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और प्रेम को और गहरा कर दिया, तो मेरे रोम रोम में बसा हुआ हनुमान जी नाम तुम्हारा भजन भी अवश्य पढ़ें, जिसमें प्रभु के नाम की महिमा का सुंदर वर्णन किया गया है।

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