हनुमान जब चले हनुमान जी एक प्रेरणादायक भजन है जो भगवान हनुमान के अद्वितीय साहस और शक्ति को दर्शाता है। इस भजन में भगवान हनुमान के वे महान कार्य और उनके अद्वितीय साहस का वर्णन किया गया है, जब उन्होंने महाकाव्य रामायण में राक्षसों से लड़ाई लड़ी और अपने भक्तों की रक्षा की। यह भजन उनके समर्पण, बल, और उनके अद्वितीय कार्यों की महिमा को व्यक्त करता है, जो भक्तों के दिलों में न केवल श्रद्धा का संचार करता है, बल्कि उन्हें जीवन की कठिनाइयों से जूझने का साहस भी प्रदान करता है।
Hanuman Jab Chale Sugreev Bolo
हनुमान जब चले,
सुग्रीव बोले –
वानरों तत्काल तुम जाओ।
श्री जानकी मैया का पता जाके लगाओ,
होकर निराश तुम जो मेरे पास आओगे।
यह सुन लो कान को खोलकर,
सब मारे जाओगे।
यह हुकुम सुनके चल पड़ी सुग्रीव की पलटन,
सब खोज डालें एक एक जंगल पहाड़ वन।
माता को खोज पाए नहीं जब वह बेचारे,
मां अंजनी के लाल को सब मिलकर पुकारे।
हे वीरवर हनुमान अब संकट से छुड़ाओ,
हम सब शरण है आपकी अब लाज बचाओ।
उठो हे महावीर नहीं देर लगाओ,
श्री जानकी मैया का पता जाके लगाओ।
यह सुनकर गरजकर उठे जब वीरवर हनुमान,
थर्रा गई जमीन कांप उठा आसमान।।
और,
वीरों के वीर शिरोमणि बलवान जब चले,
हनुमान जब चले।
वीरों के वीर शिरोमणि हनुमान जब चले,
बलवान जब चले।
वीरों के वीर शिरोमणि हनुमान जब चले।।
वीरों के वीर शिरोमणि हनुमान जब चले।
श्री राम जी का करते हुए ध्यान जब चले,
रावण का तोड़ने को वो अभिमान जब चले।
धरकर विराट रूप बन तूफान जब चले,
लंका दहाड़ते हुए हनुमान जब चले।
बलवान जब चले,
वीरों के वीर शिरोमणि हनुमान जब चले।
बलवान जब चले।।
माता को खोजने चले जब अंजनी कुमार,
सब वानरों के दल में मची जय जय कार।
मारी छलांग और समंदर को हुए पार,
आकाश डोल उठा और हिल गया संसार।
विकराल गदा हाथ में वो तान जब चले,
बलवान जब चले।
वीरों के वीर शिरोमणि हनुमान जब चले,
बलवान जब चले।।
लंका में पहुंचकर के दिए वाटिका उजाड़,
अक्षय कुमार को दिए धरती पर वो पछाड़।
आया जो सामने दिए ककड़ी के जैसे फाड़,
दुश्मन के घर में अपना झंडा दिए वह गाड़।
करते हुए फिर युद्ध वो घमासान जब चले,
हनुमान जब चलें।
वीरों के वीर शिरोमणि हनुमान जब चले,
बलवान जब चले।।
यह हाल देख भागे सभी जान छोड़ कर,
रावण को बताने लगे वह हाथ जोड़कर।
एक कपी ने रख दिए बगिया के सारे पेड़ तोड़कर,
मारा है जम्बू माली को गर्दन मरोड़ कर।
लंका का मिटाने को वह निशान जब चले,
हनुमान जब चलें।
वीरों के वीर शिरोमणि हनुमान जब चले,
बलवान जब चले।।
श्री राम के भगत ने वहां ऐसा किया कमाल,
लंका को फूक डाले मां अंजनी के लाल।
आंखें मिलाए बजरंगी से ‘शर्मा’ किसकी है मजाल,
दुश्मन को चबा डाले वह बनके महाकाल।
लंका को बना कर के वह शमशान जब चले,
हनुमान जब चलें,
वीरों के वीर शिरोमणि बलवान जब चले,
बलवान जब चले।।
हनुमान जब चले हनुमान जी भजन भक्तों को यह अहसास कराता है कि भगवान हनुमान के आशीर्वाद से वे हर प्रकार की मुश्किलों को पार कर सकते हैं। हनुमान जी की शक्ति और साहस से भरे इस भजन का गायन करते हुए, भक्त महसूस करते हैं कि जैसे हनुमान जी ने अपने भक्तों के लिए अपार साहस और शक्ति का प्रदर्शन किया, वैसे ही उनकी कृपा से वे भी अपनी ज़िंदगी के हर संघर्ष से उबर सकते हैं। यह भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान हनुमान हमारी मदद करने के लिए हमेशा तैयार हैं, बस हमें अपने विश्वास और भक्ति को प्रगाढ़ करना होता है।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile