रोम रोम में जिसके श्री राम समाया है एक प्रेरणादायक भजन है जो हनुमान जी की भक्ति और उनके द्वारा श्री राम के प्रति अटूट प्रेम को व्यक्त करता है। इस भजन के माध्यम से हम समझते हैं कि जब कोई अपने ह्रदय में श्री राम का भव्य ध्यान करता है, तो उसका जीवन हर पल आनंदित और उन्नत होता है। यह भजन हमें अपनी भक्ति में गहराई और श्रद्धा को और भी मजबूत करने का संदेश देता है।
Rom Rom Me Jisake Shri Ram Samaya Hai
श्लोक –
उत्सव है बजरंगबली का।
खूब सजा दरबार,
जब साल सवाई आता है।
तब झूम उठे संसार।
रोम रोम में जिसके,
श्री राम समाया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।
देवो का भी जिसने,
रे साथ निभाया है।
पंचमुखी बजरंगी,
यही कहलाया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।।
शोभा दरबार की,
कितनी प्यारी लगे।
जो भी निहारे इन्हे,
उसकी किस्मत जगे।
विपदा सब कट जाती,
मिले रे धन माया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।।
संकट हरण बाबा,
भोले का अवतार है।
सालासर मेहंदीपुर,
इनका ही दरबार है।
आज अरज सुनने को,
हमारी आया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।।
जिसकी ये रक्षा करे,
वो जग में किससे डरे।
दुश्मन की तोड़े नली,
भक्तो के कष्ट हरे।
सब भक्तो का संकट,
इसी ने मिटाया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।।
जो पाना हो भगवान को,
याद कर लेना हनुमान को।
बुद्धि का दाता है ये,
दूर कर देता अज्ञान को।
‘राजपाल’ हनुमत पे,
श्री राम की छाया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।।
रोम रोम में जिसके,
श्री राम समाया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।
देवो का भी जिसने,
रे साथ निभाया है।
पंचमुखी बजरंगी,
यही कहलाया है।
आज उसी बजरंग का,
ये उत्सव आया है।
इस भजन का संदेश स्पष्ट है यदि हमारा मन और ह्रदय श्री राम के नाम से भरा रहे, तो हम जीवन के हर संघर्ष से पार पा सकते हैं। हनुमान जी की तरह, जो श्री राम के परम भक्त हैं, हम भी अपने ह्रदय में राम का नाम लेकर अपने जीवन को सफल और खुशहाल बना सकते हैं। यह भजन हमें अपने जीवन को राम के चरणों में अर्पित करने की प्रेरणा देता है।
इस भजन को गाते हुए, हम यह समझ सकते हैं कि राम का नाम लेने से मन को शांति और शक्ति मिलती है। हनुमान जी की भक्ति हमें यह सिखाती है कि वास्तविक भक्ति वही है जो पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ की जाती है, और जब हम अपने जीवन में राम के नाम को भर लेते हैं, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile