बड़ी देर भई कब आओगे मेरे हनुमान भजन लिरिक्स

बड़ी देर भई कब आओगे मेरे हनुमान भजन एक भक्त की गहरी उम्मीद और विश्वास को दर्शाता है। इसमें भक्त अपने प्रभु हनुमान से मदद की उम्मीद करते हुए उनकी कृपा का आह्वान करता है। हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और विश्वास में डूबे इस भजन में एक भक्त की आत्मीय पुकार सुनाई देती है, जो संकट में होते हुए प्रभु के आशीर्वाद का आह्वान कर रहा है।

Badi Der Bhayi Kab Aaoge Mere Hanuman

बड़ी देर भई बड़ी देर भई,
कब आओगे मेरे हनुमान
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
लक्ष्मण के प्राण है संकट में
तुम आके बचा लो उसके प्राण,
तुम आके बचा लो उसके प्राण,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।

बीत ना जाए रात अँधेरी,
होने ना पाए अब उजियारा
सूर्योदय संग जाता रहेगा,
लखन मेरी आँखों का तारा
क्या मुंह ले अयोध्या को जाऊं,
मेरी रख लेना बजरंगी लाज
मेरी रख लेना हनुमंता लाज,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई
कब आओगे मेरे हनुमान,
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।

टूट रही है आस की डोरी,
छुट रहा विश्वास ये मेरा
एक ही आशा एक भरोसा,
हे बजरंगी अब है तेरा
सुबह होने से पहले तू आना,
नही देर लगाना हनुमान
नही देर लगाना हनुमान,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई
कब आओगे मेरे हनुमान,
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।

लखन के जो ना प्राण बचेंगे,
राम भी समझो मर जाएगा
लखन बिना है राम अधुरा,
उसके बिना ना रह पाएगा
अब तेरे ही हाथों हनुमाना,
हम दोनों के अटके है प्राण
हम दोनों के अटके है प्राण,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई
कब आओगे मेरे हनुमान,
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।

बड़ी देर भई बड़ी देर भई,
कब आओगे मेरे हनुमान
बूटी लाओगे मेरे हनुमान,
लक्ष्मण के प्राण है संकट में
तुम आके बचा लो उसके प्राण,
तुम आके बचा लो उसके प्राण,
बड़ी देर भईं बड़ी देर भई।।

हनुमान जी हमेशा अपने भक्तों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं, और यह भजन हमें याद दिलाता है कि हमें कभी भी उनके आशीर्वाद की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। भगवान अपनी अनुकंपा से हमें संकटों से उबारने के लिए हमेशा हमारे पास होते हैं। यह भजन यह भी सिखाता है कि जब हमें कोई मुश्किल आती है, तो हमें हनुमान जी से अपनी श्रद्धा और विश्वास को मजबूत करना चाहिए, क्योंकि वह हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमारे साथ होते हैं।

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