ये है राम की धरती यहाँ पे रावण चले ना तेरी शक्ति लिरिक्स

ये है राम की धरती, यहाँ पे रावण चले ना तेरी शक्ति भजन श्रीराम की धरती की महिमा और हनुमान जी की अपार शक्ति का सम्मान करता है। यह भजन हमें यह विश्वास दिलाता है कि जहां राम का वास होता है, वहां कोई भी बुराई नहीं टिक सकती। हनुमान जी की शक्तियों के सामने रावण जैसे राक्षसों का अस्तित्व भी समाप्त हो जाता है।

Ye Hai Ram Ki Dharati Yaha Pe Ravan Chale Na Teri Shakti

ये है राम की धरती,
यहाँ पे रावण
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती
जय जय जय सियाराम,
जय जय जय सियाराम।।

बजरंगबली के नारे से,
दुश्मन के जिगर हिल जाते है
दुश्मन के जिगर हिल जाते है,
जो मन से इनका जाप करे
श्री राम उन्हें मिल जाते है,
श्री राम उन्हें मिल जाते है
रावण का हर एक योद्धा इनसे,
लड़ने से कतराया था
औरो की क्या बात कहे,
खुद मेघनाथ घबराया था,
यें हैं राम की धरती
यें हैं राम की धरती,
यहाँ पे रावण
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती।।

वीरो के वीर बजरंगबली,
श्री राम के आज्ञाकारी है
श्री राम के आज्ञाकारी है,
संकटमोचन है दुष्टदलन
कपी शंकर के अवतारी है,
कपी शंकर के अवतारी है
सिता की खबर लाने खातिर,
तुम सात समंदर पार गए
लंका में आग लगाके हनुमत,
अक्षय का संहार किए
यें हैं राम की धरती,
यें हैं राम की धरती
यहाँ पे रावण,
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती।।

श्री राम भक्त बजरंगबली की,
महिमा सबसे न्यारी है
महिमा सबसे न्यारी है,
चारों युग में है अजर अमर
सब भक्तो के हितकारी है,
सब भक्तो के हितकारी है
लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा,
श्री राम बहुत घबराए थे
हनुमत ने पल ना देर करी,
संजीवन पर्वत लाए थे
यें हैं राम की धरती,
यें हैं राम की धरती
यहाँ पे रावण,
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती।।

ये है राम की धरती,
यहाँ पे रावण
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती
जय जय जय सियाराम,
जय जय जय सियाराम।।

हनुमान जी की शक्ति केवल उनकी भक्ति में नहीं, बल्कि उनके साहस और सत्य के प्रति निष्ठा में भी है। यह भजन हमें सिखाता है कि राम के नाम में इतनी शक्ति है कि वह हर राक्षसी शक्ति को पराजित कर सकती है। जब भक्त हनुमान जी के आशीर्वाद से राम के मार्ग पर चलते हैं, तो रावण जैसे शत्रु भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। यह भजन हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने जीवन में राम के मार्ग पर चलें, सच्चाई और अच्छाई के पक्ष में खड़े रहें, और हनुमान जी की भक्ति के साथ अपने कष्टों का निवारण करें।

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