राम जी का आना हमेशा एक नए युग की शुरुआत की ओर संकेत करता है। दशरथ नंदन राम अयोध्या आ रहे भजन में हम देख सकते हैं कि श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी सभी को उमंग और आस्था से भर देती है। दशरथ जी के पुत्र राम का लौटना, अयोध्या के लिए एक महापर्व बन जाता है। यह भजन हमें न केवल उनके लौटने की खुशी का अहसास कराता है, बल्कि यह भी बताता है कि राम का आना एक महान उद्धारक की तरह होता है, जो समाज में सही मार्ग की स्थापना करता है।
Dashrath Nandan Ram Ayodhya Aa Rahe
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नन्दन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।1।
हर घर में दीपक जले,
फूलों से राहें सजे,
प्रभु राम के दर्शन को,
पलकें बिछाए सब टके,
आओ प्रभु अब तरसे नयन,
देखो यहाँ सब प्रेम मगन,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नन्दन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।2।
भौरें गुनगुना रहे,
गीत ख़ुशी के गा रहे,
पहले ना देखा कभी,
गगन भी शीश झुका रहे,
घड़ी अब हमारे करीब आ गई,
ख़ुशी अब हमारे नसीब आ गई,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नन्दन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।3।
धन्य हुई अवध नगरी,
आज भरी ख़ुशी की गगरी,
झूम झूम के गाएंगे,
हर मौसम में अब कजरी,
आया दिवस अब मनभावन,
पाएंगे प्रभु सिंहासन,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नन्दन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।4।
दशरथ नंदन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे,
आ रहे, प्रभु आ रहे,
प्रभु रघुकुल के सरताज,
दशरथ नन्दन राम,
अयोध्या आ रहे,
घर घर में खुशहाली,
बनकर छा रहे।5।
श्रीराम का अयोध्या आगमन निश्चित ही एक दिव्य क्षण था, और दशरथ नंदन राम अयोध्या आ रहे भजन इस पल की मूरत है। यह भजन हमे यह संदेश देता है कि जब श्रीराम हमारे जीवन में होते हैं, तो हर मुश्किल से पार पाना आसान हो जाता है। राम के भजनों में निहित शक्ति और उनके विचार हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाते हैं। इस भजन की लय और शब्दों में छिपी दिव्यता हमें श्रीराम के आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा देती है। इस भजन को करने के बाद आप “राम राज ये आ गया”, श्री राम राज अब आया है घर घर भगवा लहराया है, राम लला घर आए हैं मिलकर सारे दीप जलाओ जैसे अन्य भजनों का आनंद भी लें। जय श्रीराम!

मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile