जीरावला पारस जय जय पारस भजन लिरिक्स

जीरावला पारस जय जय पारस भजन जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थंकरों और उनके दिव्य गुणों की महिमा को व्यक्त करता है। यह भजन भगवान पारसनाथ की महिमा का गुणगान करता है, जिन्हें श्रद्धा और भक्ति से पूजा जाता है। पारसनाथ जी के द्वारा दिखाए गए सत्य, अहिंसा और धार्मिक जीवन के आदर्शों का अनुसरण करके ही भक्त अपने जीवन को उन्नत बना सकते हैं। इस भजन के माध्यम से हम भगवान पारसनाथ की आराधना और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की कामना करते हैं।

Jeerawala Paras Jay Jay Paras

जय जय पारस,
जीरावला पारस,
जीरावला श्री पार्श्वनाथम,
जगतपति जगदीवाकरम,
सौम्याकृतिंम् मंगलकारम,
आशापूरण शुभप्रदायम,
जय जय पारस,
जय जय पारस,
जीरावलां पारस।1।

हे मनमोहना मनोहारम,
वांछापूर्ण विघ्नविनाशनम,
भयनाशकम परमकृपालं,
महासिद्धिदाता बुद्धिवर्धनम,
जय जय पारस,
जय जय पारस,
जीरावलां पारस।2।

नित्य नमो पारस पारस,
वामा नन्दन विघ्नेशनम,
अक्षर अक्षर पार्श्वमयम,
‘संगी’ ‘अदिति’ भज पार्श्वकम,
जय जय पारस,
जय जय पारस,
जीरावलां पारस।3।

जय जय पारस,
जीरावला पारस,
जीरावला श्री पार्श्वनाथम,
जगतपति जगदीवाकरम,
सौम्याकृतिंम् मंगलकारम,
आशापूरण शुभप्रदायम,
जय जय पारस,
जय जय पारस,
जीरावलां पारस।4।

जीरावला पारस जय जय पारस जैसे भजन हमें भगवान पारसनाथ की उपासना की प्रेरणा देते हैं और उनके चरणों में श्रद्धा अर्पित करने का मार्ग दिखाते हैं। पारसनाथ जी के दरबार में सच्चे मन से की गई भक्ति हमेशा फलित होती है और भक्तों के जीवन में शांति और आशीर्वाद लाती है। इस भक्ति को और गहरा करने के लिए सच्चे मन से नाकोड़ा भक्त जो भी जायेगा, फागुन का महीना चलो मालपुरा दरबार, कभी तो ये बाबा साथी बन जाता है जैन भजन, तुलसी सुमर संसार सार दे आचार्य श्री तुलसी भजन जैसे अन्य जैन भजनों को पढ़ें और अपनी भक्ति को सशक्त करें। 🙏

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