दिल का सुनाऊँ किसे हाल मेरे सांवरे

दिल का सुनाऊँ किसे हाल मेरे सांवरे —यह भजन एक भक्त की गहरी व्यथा और प्रेम को दर्शाता है, जब वह अपने प्रिय श्याम से अपने हृदय की बात कहना चाहता है। जीवन में कई मोड़ आते हैं, जब कोई सुनने वाला नहीं होता, परंतु श्याम बाबा हमेशा भक्तों के भावों को समझते हैं। यह भजन उस अनोखे प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, जो भक्त और सांवरे के बीच होता है। जब दुनिया चुप हो जाती है, तब सिर्फ श्याम ही वह सहारा बनते हैं, जिनसे मन की हर बात कही जा सकती है।

Dil Ka Sunau Kise Haal Mere Sanware

दिल का सुनाऊँ,
किसे हाल मेरे सांवरे,
सुनता ना कोई भी,
पुकार मेरे सांवरे
दिल का सुनाऊ,
किसे हाल मेरे सांवरे।।

दर दर मैं भटकी,
ठोकरें भी खाई,
दुनियाँ में मेरा कोई,
हुआ ना सहाई,
दुनियाँ से गई मैं तो,
हार मेरे सांवरे,
दिल का सुनाऊ,
किसे हाल मेरे सांवरे।।

जब से सुना है मैंने,
इक द्वार ऐसा,
हार के गया है जो भी,
हारा ना दोबारा,
हार के मैं आयी तेरे,
द्वार मेरे सांवरे,
दिल का सुनाऊ,
किसे हाल मेरे सांवरे।।

‘खुशी’ को भी दी तूने,
खुशियाँ हजार है,
कहलाया जग में,
तू लखदातार है,
‘अमित’ भी करे ये,
पुकार मेरे सांवरे,
दिल का सुनाऊ,
किसे हाल मेरे सांवरे।।

दिल का सुनाऊँ,
किसे हाल मेरे सांवरे,
सुनता ना कोई भी,
पुकार मेरे सांवरे
दिल का सुनाऊ,
किसे हाल मेरे सांवरे।।

श्याम बाबा हमेशा अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं और उनके हर दुख-सुख में साथ होते हैं। यह भजन हमें श्याम के प्रति अटूट श्रद्धा रखने और अपने दिल की हर बात उन्हें समर्पित करने की प्रेरणा देता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो बुलावे म्हारो सांवरो, तेरा प्रेमी बाबा तुझे बुलाए आजा सांवरिया, और म्हाने रंग दो नाथ थारे रंग में जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम प्रेम में लीन हो जाएं। जय श्री श्याम! 🙏🎶

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