भक्ति का सबसे सुंदर रूप तब प्रकट होता है जब मन, वचन और काया से हम अपने आराध्य का स्मरण करते हैं। पार्श्व नाम की माला जप ले, नाकोड़ा जी भजन हमें जप और ध्यान की महिमा का बोध कराता है। यह भजन हमें निरंतर नाम स्मरण की प्रेरणा देता है, जिससे हमारा मन धर्म और साधना की ओर अग्रसर होता है।
Pashvar Naam Ki Mala Jap Le Nakoda Ji Bhajan
पार्श्व नाम की माला जप ले,
हो भैरव नाम की माला जप ले,
लगता नहीं कोई मोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।1।
हर पूनम को नाकोड़ा जी,
भक्त हैं हजारों आते,
दर्शन को,
भक्त हजारों आते,
सेवा पूजा करके दादा की,
अपनी अर्जी सुनाते,
दादा को,
अपनी अर्जी सुनाते,
इनके नाम का सुमिरन करले,
दीवाने मुख तू खोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।2।
पारस नाम को जपने वाले,
भैरू जी को लगते प्यारे,
हो प्यारे,
भैरू जी को लगते प्यारे,
नाकोड़ा प्रभु पार्श्व नाथ का,
निशिदीन ध्यान लगा,
लगा रे,
निशिदिन ध्यान लगा रे,
मन के मंदिर में तू बसा ले,
ये प्रतिमा अनमोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।3।
सबकी बिगड़ी को है बनाते,
ऐसे है मेरे दादा,
हां दादा,
ऐसे हैं मेरे दादा,
इनसे ना कोई बात छिपी है,
ये हैं त्रिलोकी ज्ञाता,
हैं ज्ञाता,
ये हैं त्रिलोकी ज्ञाता,
जैसे जिसके भाव हों मनवा,
देता तराजू तोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।4।
पार्श्व नाम की माला जप ले,
हो भैरव नाम की माला जप ले,
लगता नहीं कोई मोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।5।
जैन जी के भजन हमें धर्म, साधना और भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। पार्श्व नाम की माला जप ले, नाकोड़ा जी भजन हमें यह सिखाता है कि जब हम निष्ठा से भगवान पार्श्वनाथ और नाकोड़ा भैरव जी का स्मरण करते हैं, तो जीवन के सभी संकट स्वतः ही दूर हो जाते हैं। यदि यह भजन आपके हृदय में भक्ति भाव जागृत करे, तो “तेरी कृपा का कोई छोर नहीं, पार्श्व भैरव भजन , हर पूनम को दादा, मैं नाकोड़ा आऊँगा , भेरू दादा के दर्शन पाना, के हर पूनम नाकोड़ा जी आना” और “नगरी नाकोड़ा री प्यारी, दर्शन आवे दुनिया सारी” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और नाकोड़ा भैरव जी व भगवान पार्श्वनाथ की कृपा का अनुभव करें। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः