गुरु ही वह दिव्य प्रकाश हैं जो आत्मा को ज्ञान, भक्ति और संयम के मार्ग पर अग्रसर करते हैं। श्रद्धा भक्ति के भावों से रीझ जाएंगे, गुरूवर आएँगे भजन गुरु भक्ति की उसी महिमा का वर्णन करता है। जब सच्चे हृदय से श्रद्धा और भक्ति अर्पित की जाती है, तो गुरुवर की कृपा स्वतः ही बरसती है। यह भजन हमें बताता है कि गुरु के प्रति हमारी निष्ठा और समर्पण ही हमें आध्यात्मिक उन्नति के पथ पर आगे बढ़ाते हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से हम अपने जीवन में गुरु भगवंत की महिमा को आत्मसात करें और उनके चरणों में सच्चे भावों से नमन करें।
Shraddha Bhakti Ke Bhavo Se Rijh Jayenge Guruvar Aayenge
श्रद्धा भक्ति के भावों से रीझ जाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
गुरूवर आएँगे राजेन्द्र सूरी आएँगे,
भक्ति भावना से गुरूवर को हम बुलाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जाएंगे,
गुरूवर आएँगे।1।
माता केशर के नंदन जब आयेगे,
संग ख़ुशियाँ हजारो वो लायेंगे,
भाव भक्ति के हमारे और बढ़ जाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जायेंगे,
गुरूवर आएँगे।2।
नगरी भरतपुर जन्म लिया था,
पारीक कुल का नाम किया था,
जय जय गुरुदेव बोलो जय गुरुदेव,
जय जय गुरुदेव बोलो जय गुरुदेव।
जब कुटिया में गुरूवर पधारेंगे,
जन्मो जनम के भाग्य सँवारेगे,
सुनी बगियाँ में फिर से फूल खिल जायेगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जायेंगे,
गुरूवर आएँगे।3।
‘दिलबर’ प्रीत जो गुरु से लगायेंगे,
गुरु कृपा से ही प्रभुवर को पाएंगे,
किशन भक्तो को गले से लगाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जायेंगे,
गुरूवर आएँगे।4।
श्रद्धा भक्ति के भावों से रीझ जाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
गुरूवर आएँगे राजेन्द्र सूरी आएँगे,
भक्ति भावना से गुरूवर को हम बुलाएंगे,
गुरूवर आएँगे,
श्रद्धा भक्ति के भावो से रीझ जाएंगे,
गुरूवर आएँगे।5।
जैन जी के भजन हमें भक्ति, श्रद्धा और आत्मिक शुद्धि का मार्ग दिखाते हैं। श्रद्धा भक्ति के भावों से रीझ जाएंगे, गुरूवर आएँगे भजन भी हमें यह सिखाता है कि जब हम सच्चे मन से गुरु की आराधना करते हैं, तो उनकी कृपा से जीवन में शांति और ज्ञान का प्रकाश फैलता है। यदि यह भजन आपके मन में श्रद्धा उत्पन्न करे, तो “कांतिसुरी जी रा लाडला श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज , सूरी राया रे म्हारा गुरु राया रे , करे वंदन हम आपको गुरूवर” और “संयम का ये पथ भैया आतम का ठिकाना है” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और गुरु भक्ति में लीन हों। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः