नाकोड़ा भैरव जी का पावन धाम श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र है। नगरी नाकोड़ा री प्यारी, दर्शन आवे दुनिया सारी भजन इसी दिव्यता और भक्ति की अनुभूति कराता है। यह भजन हमें नाकोड़ा धाम की महिमा का बोध कराता है, जहां हर भक्त अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आता है और भैरव दादा की कृपा से कृतार्थ होता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम नकी कृपा का अनुभव करें।
Nagari Nakoda Ri Pyari Darshan Aave Duniya Sari
नगरी नाकोड़ा री प्यारी,
दर्शन आवे दुनिया सारी,
भेरु भगतो रा हितकारी,
भेरु जी ध्यावे नर ने नारी,
कितरो कितरो रे करां मै बखान,
घर घर मे गूंजे भेरूजी री जयकार।1।
मेवा नगर री पहाड़ीयों में,
बिराजे भैरव नाथ,
नाकोड़ा भैरू जी रे साथे,
बिराजे पार्श्वनाथ,
नाकोड़ा रो तीर्थ प्यारो,
नाकोड़ा रो तीर्थ प्यारो,
महिमा अपरम्पार,
कितरो कितरो रे करां मै बखान,
घर घर मे गूंजे भेरूजी री जयकार।2।
पौष मास रो मेलो भरावे,
नाकोड़ा में भारी,
दूर दूर सु आवे जातरु,
निवन करे नर नारी,
भेरूजी री महिमा भारी,
भेरूजी री महिमा भारी,
पायो कोनी पार,
कितरो कितरो रे करां मै बखान,
घर घर मे गूंजे भेरूजी री जयकार।3।
तेल सुकड़ी रो भोग लगावें,
चाढे मेवा मिठाई,
छप्पन भोग लगावे दादा ने,
आस पूरे भगता री,
साचे मन सु जो नर ध्यावे,
साचे मन सु जो नर ध्यावे,
करदो बेड़ा पार,
कितरो कितरो रे करां मै बखान,
घर घर मे गूंजे भेरूजी री जयकार।4।
भगत आपरा चरने आवे,
गुण आपरा गावे,
‘मनीष सीरवी’ कलम चलावे,
गुण भेरु रा गावे,
‘अंकुश’ ने दादा चरना राखो,
‘अंकुश’ ने दादा चरना राखो,
धरजो सिर पर हाथ,
कितरो कितरो रे करां मै बखान,
घर घर मे गूंजे भेरूजी री जयकार।5।
नगरी नाकोड़ा री प्यारी,
दर्शन आवे दुनिया सारी,
भेरु भगतो रा हितकारी,
भेरु जी ध्यावे नर ने नारी,
कितरो कितरो रे करां मै बखान,
घर घर मे गूंजे भेरूजी री जयकार।6।
जैन जी के भजन हमें नाकोड़ा भैरव जी की भक्ति में रमाने और उनके दिव्य धाम की यात्रा करने की प्रेरणा देते हैं। नगरी नाकोड़ा री प्यारी, दर्शन आवे दुनिया सारी भजन भी हमें यह अनुभूति कराता है कि नाकोड़ा धाम में भैरव दादा के दर्शन मात्र से ही जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। यदि यह भजन आपके हृदय में भक्ति का भाव जागृत करे, तो “नाकोड़ा भैरव जी की अपार कृपा , जय हो भैरव बाबा की , भक्तों के संकट हरने वाले भैरव” और “नाकोड़ा जी का चमत्कारी दरबार” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और नाकोड़ा भैरव जी की महिमा का आनंद लें। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः