भक्ति की गहराइयों में जब श्रद्धा का दीप जलता है, तब हर शब्द, हर सुर, एक आध्यात्मिक अनुभूति बन जाता है। टाबरिया आया थारे द्वार रे भेरूजी म्हारा रे भजन भी ऐसी ही भक्ति भावना से ओतप्रोत है। यह भजन हमें भेरूजी महाराज के प्रति अटूट श्रद्धा और समर्पण की अनुभूति कराता है, जिससे मन भक्तिरस में डूब जाता है। आइए, इस भजन के भावों को आत्मसात करें और भक्ति में लीन हों।
Tabriya Aaya Thare Dwar Re Bheruji Mhara Re
टाबरिया आया थारे द्वार रे,
भेरूजी म्हारा रे,
म्हाने दीजो दीजो,
दर्शन आज रे,
जोड़ूँ दोनों हाथ रे।।
लाल फुलड़ा रो ल्याई हार रे,
भेरूजी म्हारा रे,
ल्याई मोगरा री,
लाडिया लार रे,
दीजो म्हाने दर्शन रे।।
करूँ हीरा मोती सु,
सिणगार रे,
भेरूजी म्हारा रे,
लेवा फेर थारी,
नजर उतार रे,
दीजो म्हाने दर्शन रे।।
लाया सुखडी मिठाई,
छप्पन भोग रे,
भेरूजी म्हारा रे,
थारी घणी रे,
करा में मनुहार रे,
सुणो म्हारा नाथ जी।।
भगत आये थारे द्वार पे,
ओ भेरूजी म्हारा रे,
दिलबर श्रेया री,
विनती स्वीकार रे,
दीजो म्हाने दर्शन रे।।
टाबरिया आया थारे द्वार रे,
भेरूजी म्हारा रे,
म्हाने दीजो दीजो,
दर्शन आज रे,
जोड़ूँ दोनों हाथ रे।।
भेरूजी महाराज की महिमा अपरंपार है, और उनके भजनों का गान भक्तों को सच्ची आस्था और शांति प्रदान करता है। “टाबरिया आया थारे द्वार रे भेरूजी म्हारा रे” जैसे भजन हमें उनकी कृपा का अनुभव कराते हैं। इसी तरह, जैन भक्ति के और भी दिव्य भजनों जैसे “भेरूजी री महिमा अपरंपार,” “जसोल भेरूजी का जागरण, नवकार मंत्र की महिमा, और “भक्तों पर भेरूजी की कृपा” को पढ़ें और अपनी भक्ति को और प्रगाढ़ करें। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः