वो जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके

मनुष्य का जीवन और उसकी वाणी भगवान की भक्ति के बिना अधूरी है। जिस जुबान से श्रीहरि का नाम न लिया जाए, वह व्यर्थ है। ईश्वर ने हमें यह अमूल्य जीवन दिया है ताकि हम उनका स्मरण करें और उनकी भक्ति में लीन हों। वो जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके भजन हमें यह संदेश देता है कि हमारे शब्द और हमारी वाणी तभी सार्थक हैं जब वे भगवान विष्णु के गुणगान में समर्पित हों। आइए, इस भजन के माध्यम से श्रीहरि का नाम जपने का संकल्प लें।

Vo Juban Kis Kaam Ki Jo Naam Hari Ka Le Na Sake

वह जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके…..

मां ने तुझको शीश दिया है दर पर झुकाने के लिए,
वह शीश किस काम का जो हरि दर पर झुक ना सके,
वह जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके…..

मां ने तुझको कान दिए हैं सत्संग सुनने के लिए,
वह कान किस काम के जो सत्संग हरि सुन ना सके,
वह जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके…..

मां ने तुझको नैन दिए हैं दर्शन करने के लिए,
वह नयन किस काम के जो दर्शन हरि कर ना सके,
वह जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके…..

मां ने तुझको कंठ दिया है सुमिरन करने के लिए,
वह कंठ किस काम का जो नाम हरि ले ना सके,
वह जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके…..

मां ने तुझको हाथ दिए हैं ताली बजाने के लिए,
वह हाथ किस काम के जो सत्संग में ताली बजा ना सके,
वह जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके…..

मां ने तुझको पैर दिए हैं तीरथ करने के लिए,
वह पैर किस काम के जो हरि दर पर आ ना सके,
वह जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके…..

हरि नाम का सुमिरन ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। “वो जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके” भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें हर क्षण भगवान विष्णु का नाम लेना चाहिए और उनकी भक्ति में मग्न रहना चाहिए। इस भक्तिभाव को और अधिक गहराई से अनुभव करने के लिए आप “श्री हरि की महिमा अपार , गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो , नारायण, नारायण जय गोविंद हरे” और “संकट हरन श्री विष्णु जी” जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की असीम कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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