मुझे पार लगाने की हामी भर लो

मनुष्य का जीवन एक भवसागर के समान है, जिसमें अनेक दुख-सुख की लहरें उठती रहती हैं। इस संसार सागर को पार करने के लिए हमें केवल भगवान विष्णु का सहारा लेना चाहिए। जब हम सच्चे मन से उनकी शरण में जाते हैं, तो वे हमारी नैया को पार लगाने का वचन देते हैं। मुझे पार लगाने की हामी भर लो भजन हमें प्रभु के प्रति पूर्ण समर्पण का संदेश देता है और उनके असीम करुणा का अनुभव कराता है। आइए, इस भजन के माध्यम से भगवान विष्णु की शरण में जाएं और उनकी कृपा प्राप्त करें।

Mujhe Par Lagane Ki Hami Bhar Lo

मेरे गरीब नवाज़ मेरी बांह धर लो,
मुझे पार लगाने की हामी भर लो….

जिस राह से मेरे भगवन गुजरे,
उस राह में फूल बिछाऊँ,
चरण कमल की रज उनकी,
मैं मस्तक अपने लगाऊँ,
कृपा हो जो मेरे प्रभु की मुझ पर,
तो दिल का हाल बताऊँ,
मेरे गरीब नवाज़……

मेरे मालिक मैं आपकी खातिर,
हृदय शैय्या बिछाऊँ,
सेज बनाकर पलकों की,
फूलों से उन्हें सजाऊँ,
कृपा हो जो मेरे प्रभु की मुझ पर,
तो मन में उन्हें बिठाऊँ,
मेरे गरीब नवाज़……

हे तारणहार भव से आपने,
गुणी अवगुणी सब तारे,
कोटि कोटि मुझ जैसे पापी,
कष्टों से बड़े उबारे,
कृपा हो जो मेरे प्रभु की मुझ पर,
तो पार मैं भी पाऊँ,
मेरे गरीब नवाज़……

चारों कोने कीचड़ भरे हैं,
मैं कैसे मन को धोऊँ,
बैठ किनारे रब जी मेरे,
जार जार मैं रोऊँ,
कृपा हो जो मेरे प्रभु की मुझ पर,
पावन गंगा मैं भी नहाऊँ,
मेरे गरीब नवाज़ राजीव की बांह धर लो,
मुझे पार लगाने की हामी भर लो…..

श्रीहरि अपने भक्तों को कभी भी अकेला नहीं छोड़ते। “मुझे पार लगाने की हामी भर लो” भजन हमें यह आश्वासन देता है कि जब हम पूर्ण विश्वास और श्रद्धा के साथ प्रभु की शरण में जाते हैं, तो वे हमारी नैया को भवसागर से पार लगा देते हैं। इस भक्तिभाव को और अधिक गहराई से अनुभव करने के लिए आप “श्री हरि की महिमा अपार , गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो , नारायण, नारायण जय गोविंद हरे” और “संकट हरन श्री विष्णु जी” जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा का अनुभव करें। ????????

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