जय तिरुपति बालाजी | Jai Tirupati Balaji

जय तिरुपति बालाजी भजन भगवान श्री वेंकटेश्वर (बालाजी) की महिमा और आशीर्वाद को व्यक्त करता है। यह भजन भक्तों को भगवान श्री बालाजी के प्रति श्रद्धा और भक्ति की ओर प्रेरित करता है। जब हम इस भजन का गायन करते हैं, तो हमें भगवान की कृपा का आभास होता है और हमारे दिलों में शांति और संतोष का संचार होता है। तिरुपति बालाजी का दरबार अनंत आशीर्वादों से भरपूर है, और उनका नाम हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाता है।

Jai Tirupati Balaji

जय तिरुपति बालाजी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय जय वेंकट स्वामी,
तुम हो अंतर्यामी,
जय श्री नाथ हरी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय जय वेंकट स्वामी,
तुम हो अंतर्यामी,
जय श्री नाथ हरी,
जय तिरुपति बालाजी….

अगणित नाम तुम्हारे अगणित रूप धरे,
स्वामी अगणित रूप धरे,
तुमको ध्याये उनके,
तुमको ध्याये उनके,
तुमने कष्ट हरे,
जय तिरुपति बालाजी,
दाएं कर में सुदर्शन बाएं में शंख धरे,
बाएं कर में शंख धरे,
द्वार पे आये जो भी,
द्वार पे आये जो भी,
कामना सफल करे,
जय तिरुपति बालाजी,
असुर बलि को हरनी वराह स्वरुप लिया,
स्वामी वराह स्वरुप लिया,
अर्धांगिनी धरती संग,
अर्धांगिनी धरती संग,
गिरी पर वास किया,
जय तिरुपति बालाजी…..

सतयुग में गरुड़ाद्रि,
त्रेता में वृषभाद्रि,
गिरी कहलाया वृषभाद्रि,
द्वापर में अंजनाद्रि,
द्वापर में अंजनाद्रि,
कलि में वेंकटाद्रि,
जय तिरुपति बालाजी,
भूमि पर ऋषियों ने मिलकर यज्ञ किया,
फल यज्ञ का तुमको दिया,
वैंकुंठ त्याग धरा पर,
वैंकुंठ त्याग धरा पर,
तुमने वास किया,
जय तिरुपति बालाजी….

लक्ष्मी ने पद्मावती बनकर जनम लिया,
धरती पर जनम लिया,
बन में सखियों के संग,
विचर रही थी वे जग,
तुमसे मिलन हुआ,
जय तिरुपति बालाजी…

तिरुपति नाथ की महिमा जो निसदिन गाये,
वरदान वो नित पाये,
धन वैभव सुख सारे,
धन वैभव सुख सारे,
जीवन भर पाये,
जय तिरुपति बालाजी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय जय वेंकट स्वामी,
तुम हो अंतर्यामी,
जय श्री नाथ हरी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय तिरुपति बालाजी,
जय जय वेंकट स्वामी,
तुम हो अंतर्यामी,
जय श्री नाथ हरी,
जय तिरुपति बालाजी…..

जय तिरुपति बालाजी भजन हमें भगवान श्री बालाजी के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति का अहसास कराता है। जब हम भगवान के नाम का उच्चारण करते हैं, तो उनकी कृपा हम पर सदा बनी रहती है और हम हर संकट से पार पा जाते हैं। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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