जय जय श्री बदरीनाथ आरती

जय जय श्री बदरीनाथ आरती भजन भगवान श्री बदरीनाथ (भगवान विष्णु) की महिमा का गायन करता है। यह आरती विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा गाई जाती है, जो भगवान बदरीनाथ के दर्शन की शुभकामनाएं चाहते हैं। भगवान बदरीनाथ के दर्शन को एक अत्यधिक पवित्र और कल्याणकारी अनुभव माना जाता है। यह भजन भक्तों को भगवान बदरीनाथ के दिव्य रूप में पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनन करने की प्रेरणा देता है, ताकि उनके जीवन में समृद्धि, शांति और सुख आए।

Jai Jai Shree Badrinath Aarti

जय जय श्री बदरीनाथ, जयति योग ध्यानी।
निर्गुण सगुण स्वरूप, मेघवर्ण अति अनूप,
सेवत चरण सुरभूप, ज्ञानी विज्ञानी। जय जय…

झलकत है शीश छत्र, छवि अनूप अति विचित्र,
वरनत पावन चरित्र सकुचत बरबानी। जय जय….

तिलक भाल अति विशाल, गले में मणिमुक्त माल,
प्रनतपाल अति दयाल, सेवक सुखदानी। जय जय….

कानन कुडण्ल ललाम, मूरति सुखमा की धाम,
सुमिरत हो सिद्धि काम, कहत गुण बखानी। जय जय….

गावत गुण शम्भु, शेष, इन्द्र, चन्द्र अरु दिनेश,
विनवत श्यामा जोरि जुगल पानी। जय जय….

जय जय श्री बदरीनाथ आरती भजन भगवान बदरीनाथ की महिमा का प्रतीक है, जो भक्तों को उनके आशीर्वाद से परिपूर्ण करता है। इस आरती के माध्यम से हम भगवान विष्णु के दिव्य रूप और उनकी अनंत कृपा का अनुभव करते हैं। जब हम भगवान बदरीनाथ की आरती करते हैं, तो हम अपने जीवन की सभी परेशानियों से उबर सकते हैं और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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