जब भक्त बुलाते हैँ हरि दौड़ के आते हैँ

भगवान विष्णु अपने भक्तों की पुकार सुनते ही उनकी सहायता के लिए तत्पर हो जाते हैं। इतिहास गवाह है कि जब भी किसी भक्त ने सच्चे हृदय से हरि को पुकारा, वे दौड़े चले आए—चाहे वह प्रह्लाद हों, द्रौपदी हों या गजेंद्र। उनकी कृपा असीम है और वे अपने भक्तों को कभी अकेला नहीं छोड़ते। आज हम जब भक्त बुलाते हैं, हरि दौड़ के आते हैं भजन का पाठ करेंगे, जो हमें प्रभु की अटूट करुणा और भक्ति के महत्व का अनुभव कराएगा। आइए, इस भजन के माध्यम से श्रीहरि की महिमा का गुणगान करें।

Jab Bhak Bulate Hain Hari Daud Ke Aate Hain

जब भक्त बुलाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ ॥
वो तो दीन और दुःखीओं को ॥
आ के गले लगाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

द्रोपदी ने जब, उन्हें पुकारा, दौड़े दौड़े आ गए ।
भरी सभा में, चीर बढ़ा के, उसकी लाज बचा गए ॥
वो बहुत दयालु हैँ, वो दया के सागर हैँ,
वो चीर बढ़ाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

अर्जुन ने जब, उन्हें पुकारा, सार्थी बनके आ गए ।
गीता का, उपदेश सुना के, उसका भरम मिटा गए ॥
वो ज्ञान सिखाते हैँ, वो भरम मिटाते हैँ,
वो गले लगाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

धन्ने ने जब, उन्हें पुकारा, ठाकुर बनके आ गए ।
पत्थरों में, दर्श दिखा के, प्रेम का भोग लगा गए ॥
वो दर्श दिखाते हैँ, वो हल चलाते हैँ,
वो मान बढ़ाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

मित्र सुद्दामा, द्वारे आए, दौड़े दौड़े आ गए ।
दो मुठी, सत्तू के बदले, उसका महल बना गए ॥
वो फ़र्ज़ निभाते हैँ, वो गले लगाते हैँ,
वो महल बनाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

भगवान विष्णु अपने भक्तों के लिए सदैव उपस्थित रहते हैं, बस उन्हें सच्चे मन से पुकारने की आवश्यकता है। जब भक्त बुलाते हैं, हरि दौड़ के आते हैं भजन हमें यह विश्वास दिलाता है कि श्रीहरि की शरण में जाने वाला कभी निराश नहीं होता। उनकी भक्ति को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप “श्री हरि की महिमा अपार , गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो , नारायण, नारायण जय गोविंद हरे” और “संकट हरन श्री विष्णु जी” जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की अनंत कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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