हे नारायण मुझे बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं

इस संसार में कई प्रकार के लोग हैं, कुछ धन और संपत्ति से भरपूर होते हैं, जबकि कुछ निर्धन होते हैं। लेकिन असली निर्धनता भौतिक चीजों की कमी में नहीं, बल्कि आत्मा के शांति और संतुष्टि में होती है। हे नारायण मुझे बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं भजन हमें यह समझाने की कोशिश करता है कि सच्चा इंसान वही है जो अपने हृदय में भगवान के प्रति श्रद्धा और प्रेम रखता है, चाहे उसके पास भौतिक धन हो या न हो।

Hey Narayan Mujhe Bata Do Nirdhan Kya Insan Nahi

धनवानो का मान जगत में निर्धन का सम्मान नहीं,
हे नारायण मुझे बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं…..

एक को देते सुख का साधन दूजे को दुख देते हो,
हम भी तो लेते नाम तुम्हारा हमको क्यों नहीं देते हो,
शाम सवेरे माला फेरे फिर कोई आराम नहीं,
हे नारायण मुझे बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं…..

किसी के पास में हीरा मोती किसी की फट रही धोती है,
कोई तो खावे दूध मलाई किसी को सूखी रोटी है,
कोई तो सोता टूटी झोपड़िया चारपाई में बांन नहीं,
हे नारायण मुझे बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं…..

तुम्हारी भक्ति करने से बेहतर नी भी तर जाते हैं,
सहारा कोई दे ना सके तो डूब भवर में जाते हैं,
हम गरीब को जहान पहुंचा दो सुखी रहे कोई दुखी नहीं,
नारायण हमें बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं…..

सत्य धर्म उठ गया यहां से झूठों को भरमाया है,
जिसके हाथ में होती लाठी वही भैंस ले जाता है,
प्रेमचंद कहे इसी भजन में बिना भजन उद्धार नहीं,
हे नारायण हमें बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं…..

सच्ची सम्पन्नता और धन वही है, जो भगवान विष्णु की भक्ति में समाहित हो। हे नारायण मुझे बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि यदि हमारे पास भगवान की भक्ति है, तो हम सबसे अमीर हैं, चाहे हमारे पास बाहरी संपत्ति हो या न हो। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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