बली राजा को छलने आये | Bali Raja Ko Chhalne Aaye

संसार में कई बार हमें परीक्षा की घड़ी से गुजरना पड़ता है, जहाँ सत्य और असत्य का सामना होता है। बली राजा को छलने आये भजन हमें यह बताता है कि कैसे बली राजा को भी छलने के लिए माया और संसार के प्रलोभन आते हैं, लेकिन भगवान की कृपा और सच्ची भक्ति से ही हम उन प्रलोभनों से बच सकते हैं। यह भजन हमें यह सिखाता है कि हमारे जीवन में जो भी संघर्ष और छल-प्रपंच हो, भगवान की कृपा से हम सही रास्ते पर चलते हुए अंततः विजय प्राप्त करते हैं।

Bali Raja Ko Chhalne Aaye

हरी बामन भेष बनाये बली राजा को छलने आये…..

इनके नन्ने नन्ने हाथ इनके नन्ने नन्ने पांव,
मृग छाला बगल में दबाये,
बली राजा को छलने आये…..

माथे तिलक सोहे. शिर पर छत्र धरे,
हाथौ में कमण्डल झुलाये,
बली राजा को छलने आये…..

कोधे जनेऊ धरे सिर पे चोटी सोहे,
चरणों में खडाऊ सुहाये,
बली राजा को छलने आये…..

बली राजा की तरह हम सभी के जीवन में विभिन्न कठिनाइयाँ और छल-कपट आते हैं, लेकिन भगवान की भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलकर हम इन सबका सामना कर सकते हैं। बली राजा को छलने आये भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान हमारे साथ हैं और हमें किसी भी कठिनाई का सामना अकेले नहीं करना पड़ता। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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