Kashi Ke Wasi Hai Avinashi
हर हर हर हर भोले,
काशी के वासी है अविनाशी,
दुःख भंगन सुख करता,
काशी के वासी है अविनाशी,
दुःख भंगन सुख करता,
विश्य धर रे शम्भू परनेश्वर अलख निरंजन करता,
दया के द्रिष्टि रखना हम पर,
हे भुतेश्वर बाबा…..
हर हर हर हर भोले,
विषयो से दूर हो तुम रिश्ता समेटे हुए,
माया का छोड़ हो तुम सर्प लपेटे हुए,
हर हर भोले हर हर भोले,
विषयो से दूर हो तुम रिश्ता समेटे हुए,
माया का छोड़ हो तुम सर्प लपेटे हुए,
आखो में है तप तेरे सर पे गंगा साजे है,
कानो में है कुण्डल और गले पे मुंड विराजे है,
आखो में है तप तेरे सर पे गंगा साजे है,
कानो में है कुण्डल और गलेपे मुंड विराजे है,
काशी के वासी है अविनाशी,
दुःख भंगन सुख करता,
विश्य धर रे शम्भू परनेश्वर अलख निरंजन करता,
दया के द्रिष्टि रखना हम पर,
हे भुतेश्वर बाबा…..
देवो में महादेव तुम भोले बाबा ज्ञानी हो,
भक्तो का कल्याण करते बकङ बाबा दानी हो,
देवो में महादेव तुम भोले बाबा ज्ञानी हो,
भक्तो का कल्याण करते बकङ बाबा दानी हो,
भांग धतूरा बड़े चाव से जो तुजको चढ़ाते है,
तेरी शरण में जोभी आते दुःख सरे मिट जाते है,
भांग धतूरा बड़े चाव से जो तुजको चढ़ाते है,
तेरी शरण में जोभी आते दुःख सरे मिट जाते है,
काशी के वासी है अविनाशी,
दुःख भंगन सुख करता,
विश्य धर रे शम्भू परनेश्वर अलख निरंजन करता,
दया के द्रिष्टि रखना हम पर,
हे भुतेश्वर बाबा…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile