रघुवर रघुवर तुमको मेरी लाज भजन लिरिक्स

जब जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं और हर ओर अंधकार ही अंधकार दिखाई देता है, तब भक्त केवल अपने आराध्य को पुकारता है। रघुवर रघुवर तुमको मेरी लाज भजन उसी अटूट श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है, जहाँ भक्त प्रभु श्रीराम से अपनी रक्षा और कृपा की याचना करता है। यह भजन हमें यह विश्वास दिलाता है कि जब-जब संकट आएगा, तब-तब रघुवर हमारी रक्षा करेंगे, जैसे उन्होंने अपने भक्तों की सदैव की है।

Raghuvar Raghuvar Tumko Meri Laaj

दोहा –
राम नाम अवलंब बिनु,
परमारथ की आस,
बरसत वारिद बूंद गहि,
चाहत चढ़न आकास।

रघुवर रघुवर तुमको मेरी लाज,
रघुवर रघुवर तुमकों मेरी लाज,
सदा सदा मैं शरण तिहारी,
तुम ही गरीब निवाज।1।

अघखंडन दुःखभंजन जन के,
यही तिहारो काज,
हो तो पतित पुरातन कहिए,
हो तो पतित पुरातन कहिए,
पार उतारो जहाज,
रघुवर रघुवर तुमकों मेरी लाज।2।

पतित उदारण ह्रदय विहारी,
श्रवणन सुनी आवाज,
तुलसी दास पर कृपा कीजिए,
तुलसी दास पर कृपा कीजिए,
भक्ति दान देहूँ आज,
रघुवर रघुवर तुमकों मेरी लाज।3।

रघुवर रघुवर तुमकों मेरी लाज,
सदा सदा मैं शरण तिहारी,
तुम ही गरीब निवाज।4।

श्रीराम अपने भक्तों की पुकार को कभी अनसुना नहीं करते, वे सदा अपने प्रेमी भक्तों की लाज रखते हैं। यह भजन हमें उनकी कृपा और भक्ति की गहराई को समझने की प्रेरणा देता है। यदि इस भजन ने आपके हृदय में भक्ति का संचार किया हो, तो आप राम जी के शरण में चले आइये, राम के थे राम के हैं हम राम के रहेंगे, हे राम अवध के राजा तुझे कौन सी दुविधा घेरे, और छोड़कर सारे पागलपन राम गुण गा ले मेरे मन जैसे अन्य भजन और लेख भी पढ़ सकते हैं। 🚩 जय श्रीराम! 🚩

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