रघुवर जी थारी सूरत प्यारी लागे म्हारा राम भजन लिरिक्स

रघुवर जी थारी सूरत प्यारी लागे म्हारा राम भजन एक सुंदर श्रद्धा और भक्ति का आह्वान है, जिसमें भक्त भगवान राम की सुंदरता और भव्यता को महसूस करते हुए अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। इस भजन में भक्त ने भगवान राम की सूरत का बखान किया है और उनका प्यार और आकर्षण व्यक्त किया है। यह भजन हमे याद दिलाता है कि भगवान राम की सूरत में इतनी मिठास और दिव्यता है कि हर कोई उनके प्रति आकर्षित होता है। इस भजन के जरिए भक्त भगवान राम की भव्यता और उनके रूप का गुणगान करते हैं।

Raghuvar Ji Thari Surat Pyari Lage Mhara Ram

रघुवर जी थारी सूरत,
प्यारी लागे म्हारा राम,
उमराव बन्ना सूरत प्यारी,
लागे मोरा श्याम।1।

शीश किलंगी पागड़ी,
रत्न जड़ित सिर पैंच,
कुण्डल झलकत कान में,
ले सबको मन खैंच,
रघुनन्दन थारी चितवन,
प्यारी लागे मोरा श्याम।2।

गल कंठो हीरो जड्यो,
गल मोतियन की माल,
बिंटी में हरी कांगन्नी,
शोभा बनी है रसाल,
सियावर जी थारो लटको,
प्यारी लागे मोरा श्याम।3।

अचकन झिलमिल कर रही,
दे रही अजब बहार,
दुपट्टो जरि की बैल को,
झलकत कोर किनार,
दशरथ सूत थारी चलगत,
प्यारी लागे मोरा श्याम।4।

रघुवर जी थारी सूरत,
प्यारी लागे म्हारा राम,
उमराव बन्ना सूरत प्यारी,
लागे मोरा श्याम।5।

रघुवर जी थारी सूरत प्यारी लागे म्हारा राम भजन हमें यह समझाता है कि भगवान राम की सुंदरता सिर्फ उनकी शारीरिक सूरत में नहीं, बल्कि उनके गुणों, कर्मों और व्यक्तित्व में छिपी हुई है। जैसे राम के चरणों में प्रेम और राम के बिना कोई सुख नहीं जैसे भजन हमें राम के प्रति भक्ति और श्रद्धा को बढ़ावा देते हैं, वैसे ही यह भजन हमें भगवान राम के रूप की भव्यता से जुड़ने की प्रेरणा देता है। राम के रूप में हमें सच्चा प्रेम, शांति और आशीर्वाद मिलता है। जय श्रीराम!

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