कलयुग में सत्य और धर्म की विजय का प्रतीक बनकर, श्री राम लला ने एक बार फिर अवध पुरी में राज्य पाया। कलयुग में मेरे राम लला को अवध पुरी में राज्य मिला भजन हमें याद दिलाता है कि अधर्म कितना भी प्रबल क्यों न हो, अंततः जीत सत्य और भक्ति की ही होती है। यह भजन न केवल राम भक्तों के हृदय में आनंद भरता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि प्रभु श्री राम का नाम ही इस युग में सबसे बड़ा संबल है। आइए, इस भजन के माध्यम से रामराज्य की इस अद्भुत अनुभूति को आत्मसात करें।
Kalyug Men Mere Ram Lala Ko Aavadh Puri Men Rajy Mila
ना त्रेता में ना द्वापर में,
ना सतयुग में ये भाग्य मिला,
कलयुग में मेरे राम लला को,
अवध पूरी में राज्य मिला।1।
अब बाबर औरंगजेब की ना,
ओलादे हम पलने देंगे,
जहां जहां भगवान बसे है,
मंदिर वहां बनायेंगे,
कारसेवको के बलिदान को,
अब जाके इंसाफ मिला,
कलयुग में मेरे रामलला को,
अवध पूरी में राज्य मिला।2।
बजरंग दल के शेरो ने,
जब ललकार लगाई थी,
हिंदू महासभा ने भी,
साथ दहाड़ लगाई थी,
स्वयंसेवकों के बलिदान को,
अब जाके इंसाफ मिला,
कलयुग में मेरे रामलला को,
अवध पूरी में राज्य मिला।3।
बीजेपी के सब शेरो ने,
अब जाके ये काम किया,
रामलला के मंदिर का,
भव्य रूप निर्माण किया,
कोठारी बंधु के बलिदान को,
अब जाके इंसाफ मिला,
कलयुग में मेरे रामलला को,
अवध पूरी में राज्य मिला।4।
राम राज्य फिर आ रहा है,
‘शिवम’ का यही कहना,
धर्म सनातन सबसे ऊंचा,
जाति में ना तुम बटना,
गर्व से कहो हम हिंदू है,
सनातन में जो जन्म मिला,
कलयुग में मेरे रामलला को,
अवध पूरी में राज्य मिला।5।
ना त्रेता में ना द्वापर में,
ना सतयुग में ये भाग्य मिला,
कलयुग में मेरे राम लला को,
अवध पूरी में राज्य मिला।6।
जब-जब अधर्म बढ़ता है, तब-तब श्री राम अपने भक्तों के कष्ट हरने आते हैं। कलयुग में मेरे राम लला को अवध पुरी में राज्य मिला भजन हमें उसी दिव्यता का एहसास कराता है। राम जी की भक्ति में लीन होने के लिए अयोध्या बुला रही है, सजी है अयोध्या नगरीया मेरे राम पधारे, लहराया श्री राम का भगवा सारे हिंदुस्तान में, चलो अयोध्या बन गया मंदिर, राजतिलक अब होवेगा जैसे अन्य भजनों को भी करें और अपने हृदय में राम नाम की लौ जलाए रखें। 🚩✨

मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile