नवग्रह मंदिर वह विशेष स्थान हैं जहाँ नौ ग्रहों की पूजा और उनकी शांति के लिए विधियों का पालन किया जाता है। इन मंदिरों में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु के पूजन से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह Navgrah Mandir श्रद्धालुओं को ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाने और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करते हैं।
Navgrah Mandir
भारत में कई ऐसे प्रमुख नव ग्रह मंदिर हैं जहाँ लोग अपनी कुंडली के ग्रह दोषों को दूर करने के लिए जाते हैं। ये मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व है। आइए जानते हैं भारत के विभिन्न नव ग्रह मंदिरों के बारे में:
- श्री नवग्रह मंदिर, कांची (तमिलनाडु)
- थिरुप्पुरुषलई नवग्रह मंदिर (तमिलनाडु)
- सिद्धि विनायक नवग्रह मंदिर, पुणे (महाराष्ट्र)
- कांची नवग्रह मंदिर (आंध्र प्रदेश)
- नवग्रह मंदिर, बिहार (राजगीर)
- मालवठी नवग्रह मंदिर, मध्यप्रदेश
- नवग्रह मंदिर, छत्तीसगढ़
- नवग्रह मंदिर, राजस्थान (पाली)
- पटनम नवग्रह मंदिर, उत्तर प्रदेश
श्री नवग्रह मंदिर, कांची (तमिलनाडु)
Shree Navgrah Mandir, कांची, तमिलनाडु के कांची शहर में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां नवग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, और केतु) की पूजा की जाती है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिष और ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए भी भक्तों के बीच बेहद प्रसिद्ध है। यहां प्रत्येक ग्रह के लिए विशेष पूजा विधियां निर्धारित हैं, जो भक्तों के जीवन में शांति और समृद्धि लाने के लिए मानी जाती हैं। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत अधिक है, और यह दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में एक है।
समय और मार्ग
- मंदिर का समय: यह मंदिर प्रतिदिन सुबह और शाम को खुला रहता है। इसका समय कुछ इस प्रकार होता है:
- सुबह: 6:00 AM से 12:00 PM तक
- शाम: 4:00 PM से 8:00 PM तक
मंदिर में पूजा विधि
यहां प्रत्येक ग्रह की पूजा की अलग-अलग विधियां हैं:
- मंगल ग्रह (मंगलवार) – मंगल ग्रह की पूजा विशेष रूप से मंगलवार के दिन होती है। इस दिन विशेष रूप से यज्ञ और हवन का आयोजन किया जाता है, जिसमें मंगल ग्रह के बीज मंत्रों का जाप किया जाता है। इसके अलावा, मंगल ग्रह से जुड़ी पूजा विधियाँ, जैसे आहूति देना, पीले रंग के फूल चढ़ाना आदि, विशेष रूप से किए जाते हैं।
- राहु और केतु (शनिवार) – शनिवार को राहु और केतु की पूजा की जाती है। इस दिन विशेष रूप से राहु और केतु से संबंधित अनुष्ठान होते हैं। यह दिन शनि के प्रभाव को शांत करने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि शनि और राहु-केतु की स्थिति का जीवन पर भारी असर पड़ता है।
- सूर्य ग्रह (रविवार) – सूर्य ग्रह की पूजा रविवार के दिन विशेष रूप से होती है। सूर्य की पूजा के साथ-साथ हवन और विशेष मंत्र जाप किए जाते हैं, जिससे सूर्य के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
- चंद्र ग्रह (सोमवार) – चंद्र ग्रह की पूजा सोमवार के दिन की जाती है। इस दिन चंद्र ग्रह के बीज मंत्रों का जाप और विशेष पूजा होती है। चंद्र ग्रह की शांति के लिए दूध और जल का उपयोग किया जाता है, जो विशेष रूप से चंद्र ग्रह को शांत करने के लिए किया जाता है।
- बुध ग्रह (बुधवार) – बुध ग्रह की पूजा बुधवार को होती है। इस दिन विशेष रूप से बुध के मंत्रों का जाप और हवन किया जाता है। इसके अलावा, बुध ग्रह से संबंधित चीजों, जैसे हरे रंग के फूल, पत्ते और विशेष आहार का अर्पण किया जाता है।
- गुरु ग्रह (गुरुवार) – गुरु ग्रह की पूजा गुरुवार को होती है। इस दिन विशेष रूप से पीले रंग के फूलों और चने के दानों का अर्पण किया जाता है। गुरु ग्रह की पूजा से व्यक्ति के जीवन में विद्या, ज्ञान और समृद्धि आती है।
- शुक्र ग्रह (शुक्रवार) – शुक्र ग्रह की पूजा शुक्रवार को होती है। इस दिन विशेष रूप से सफेद रंग के फूलों और शुद्ध घी से पूजा की जाती है। शुक्र ग्रह की पूजा से विवाह, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।
- शनि ग्रह (शनिवार) – शनि ग्रह की पूजा विशेष रूप से शनिवार के दिन होती है। इस दिन विशेष रूप से शनि के बीज मंत्रों का जाप और हवन किया जाता है। शनि के प्रभाव को शांत करने के लिए खास उपाय किए जाते हैं।
मुख्य आकर्षण
- नवग्रहों की प्रतिमाएँ – मंदिर में नौ ग्रहों की मूर्तियाँ स्थापित हैं, जिनकी पूजा अलग-अलग दिन होती है।
- विशेष पूजा विधियाँ – हर ग्रह के लिए अलग-अलग पूजा विधियाँ होती हैं, जो उन ग्रहों के प्रभाव को शांत करने के लिए होती हैं।
- विशेष अनुष्ठान और यज्ञ – विशेष दिनों पर यज्ञ और हवन का आयोजन किया जाता है, जिससे ग्रहों के दोषों को दूर किया जाता है।
- अभिषेक और मंत्र जाप – मंदिर में प्रतिदिन अभिषेक और मंत्र जाप होते हैं, जो विशेष रूप से ग्रहों को शांत करने के लिए किए जाते हैं।
Shree Navgrah Mandir कांची तमिलनाडु में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो न केवल दक्षिण भारत, बल्कि पूरे भारत के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है। यहां की पूजा विधियाँ और अनुष्ठान न केवल भक्तों को मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि उनके जीवन में ग्रह दोषों के प्रभाव को भी समाप्त करते हैं। यदि आप अपने जीवन में किसी प्रकार के ग्रह दोष से परेशान हैं, तो इस मंदिर में आकर नवग्रह पूजा करने से निश्चित रूप से आपको लाभ मिलेगा।
कैसे पहुंचें
- वायु मार्ग (Air Travel): कांचीपुरम का नजदीकी एयरपोर्ट चेन्नई (Chennai International Airport) है, जो लगभग 70-80 किमी दूर स्थित है। यहां से आप टैक्सी या बस के माध्यम से कांचीपुरम तक पहुंच सकते हैं।
- रेल मार्ग (By Train): कांचीपुरम का रेलवे स्टेशन है जो तमिलनाडु के प्रमुख रेलवे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। आप चेन्नई से कांचीपुरम के लिए ट्रेन ले सकते हैं। चेन्नई रेलवे स्टेशन से कांचीपुरम तक लगभग 1-1.5 घंटे का सफर है।
- सड़क मार्ग (By Road): कांचीपुरम सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप चेन्नई, महाबलिपुरम, या अन्य नजदीकी स्थानों से टैक्सी, बस या निजी वाहन से कांचीपुरम जा सकते हैं। कांचीपुरम में प्रवेश करने के बाद, मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको मार्ग में संकेत मिल जाएंगे या स्थानीय लोग आपकी सहायता कर सकते हैं।
- स्थानीय परिवहन (Local Transportation): कांचीपुरम शहर में स्थानीय परिवहन की भी व्यवस्था है जैसे ऑटो रिक्शा, टैक्सी, और बस, जिनकी मदद से आप मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
मंदिर तक पहुंचने के प्रमुख रास्ते
- अगर आप चेन्नई से कांचीपुरम जा रहे हैं, तो सबसे आसान तरीका NH 48 (National Highway 48) है। यह मार्ग सीधे कांचीपुरम के लिए जाता है और यहां से मंदिर तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता।
- कांचीपुरम से मंदिर तक पैदल यात्रा भी की जा सकती है क्योंकि मंदिर शहर के प्रमुख स्थानों में से एक है।
मंदिर का दर्शन करने के लिए चेन्नई से कांचीपुरम तक पहुंचने का सबसे अच्छा रास्ता वायु, रेल या सड़क मार्ग से है। एक बार कांचीपुरम पहुंचने के बाद, मंदिर तक पहुंचना आसान है और इसके आस-पास के क्षेत्र में कई धार्मिक स्थल भी हैं।
थिरुप्पुरुषलई नवग्रह मंदिर (तमिलनाडु)
थिरुप्पुरुषलई नवग्रह मंदिर तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहाँ नवग्रहों की पूजा की जाती है। यह मंदिर खासकर उन श्रद्धालुओं के लिए प्रसिद्ध है जो नवग्रह दोषों से मुक्ति और ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव के लिए पूजा करना चाहते हैं। मंदिर में नवग्रहों के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिससे भक्तों को जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
मंदिर का महत्व: यह मंदिर नवग्रह शांति और ग्रह दोष निवारण के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ पर हर ग्रह के साथ संबंधित विशेष पूजा विधियाँ होती हैं, जो भक्तों को उनके जीवन में चल रहे ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाने में मदद करती हैं। इसे ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष स्थान प्राप्त है।
मुख्य देवी-देवता
- सूर्य देव (सूर्य ग्रह)
- चन्द्र देव (चन्द्र ग्रह)
- मंगल देव (मंगल ग्रह)
- बुध देव (बुध ग्रह)
- गुरु देव (बृहस्पति ग्रह)
- शुक्र देव (शुक्र ग्रह)
- शनि देव (शनि ग्रह)
- राहु (राहु ग्रह)
- केतु (केतु ग्रह)
इन सभी ग्रहों के देवताओं की पूजा इस मंदिर में की जाती है, और प्रत्येक ग्रह के लिए अलग-अलग मंत्र और पूजा विधियाँ निर्धारित की जाती हैं।
मंदिर का समय
- सुबह: 6:00 AM से 12:00 PM तक
- शाम: 4:00 PM से 8:00 PM तक
पूजा के विशेष समयों के बारे में जानकारी के लिए आप मंदिर के प्रबंधन से संपर्क कर सकते हैं। खास दिन जैसे ग्रह पूजा, नवग्रह पूजा आदि के लिए भी समय बदल सकते हैं।
कैसे पहुंचे
- वायु मार्ग (Air Travel): थिरुप्पुरुषलई का निकटतम एयरपोर्ट चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी या बस द्वारा कांचीपुरम तक पहुंच सकते हैं और फिर वहां से थिरुप्पुरुषलई मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
- रेल मार्ग (By Train): कांचीपुरम रेलवे स्टेशन और चेन्नई रेलवे स्टेशन से थिरुप्पुरुषलई तक ट्रेन की यात्रा की जा सकती है। कांचीपुरम रेलवे स्टेशन से थिरुप्पुरुषलई की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है, जिसे टैक्सी या ऑटो रिक्शा से तय किया जा सकता है।
- सड़क मार्ग (By Road): थिरुप्पुरुषलई सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। चेन्नई से कांचीपुरम के रास्ते NH 48 (National Highway 48) के द्वारा थिरुप्पुरुषलई पहुंच सकते हैं। यह रास्ता सीधा और सुरक्षित है।
- स्थानीय परिवहन (Local Transportation): कांचीपुरम और थिरुप्पुरुषलई में स्थानीय परिवहन का अच्छा नेटवर्क है। आप यहाँ ऑटो, टैक्सी, या बस द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
मंदिर के विशेष अवसर
- नवग्रह शांति पूजा
- ग्रह दोष निवारण अनुष्ठान
- विशेष तिथियों पर विशेष अनुष्ठान और महा पूजा
थिरुप्पुरुषलई नव ग्रह मंदिर एक प्रमुख स्थल है जहाँ नवग्रहों के अनुष्ठान और पूजा की जाती है। यह जगह उन लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो ग्रह दोषों से परेशान हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव चाहते हैं। मंदिर का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि यह हर भक्त के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है।
मुख्य आकर्षण
- मंदिर में सभी ग्रहों के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
- इसे न केवल धार्मिक, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
सिद्धि विनायक नवग्रह मंदिर, पुणे (महाराष्ट्र)
सिद्धि विनायक नव ग्रह मंदिर पुणे, महाराष्ट्र में स्थित एक प्रमुख और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर विशेष रूप से नवग्रह पूजा और शांति के लिए जाना जाता है। यहाँ पर नवग्रहों की विशेष पूजा विधि से भक्तों को अपने जीवन में चल रहे ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है और ग्रहों का सकारात्मक प्रभाव उनके जीवन पर पड़ता है। सिद्धि विनायक मंदिर का यह नवग्रह स्वरूप, पुणे के भक्तों और दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के बीच काफी प्रसिद्ध है।
मंदिर का महत्व
यह मंदिर नवग्रह शांति के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ पर विशेष रूप से नवग्रह पूजा की जाती है। यहाँ पर प्रत्येक ग्रह के लिए अनुकूल पूजा विधि होती है, जो भक्तों के जीवन में किसी भी प्रकार की ग्रह दोष की समस्या को हल करने में मदद करती है। इस मंदिर में सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु ग्रहों की पूजा होती है, और इनके लिए विशेष मंत्रोच्चार और अनुष्ठान भी किए जाते हैं।
मंदिर का समय
- सुबह: 6:00 AM से 12:00 PM तक
- शाम: 4:00 PM से 8:00 PM तक
विशेष पूजा और अनुष्ठान के समय में बदलाव हो सकता है, इसलिए मंदिर में जाने से पहले समय की जानकारी लेना अच्छा रहेगा।
कैसे पहुंचे
- वायु मार्ग (Air Travel): पुणे का लोहेगांव एयरपोर्ट (Pune International Airport) सिद्धि विनायक इस मंदिर से लगभग 15-20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से टैक्सी या कैब द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग (By Train): पुणे रेलवे स्टेशन से सिद्धि विनायक मंदिर की दूरी लगभग 8-10 किलोमीटर है। आप रेलवे स्टेशन से टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
- सड़क मार्ग (By Road): पुणे शहर में कई प्रमुख मार्गों के द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। यह शहर के केंद्र से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और यहां आने के लिए लोकल बस, टैक्सी और ऑटो उपलब्ध रहते हैं।
- स्थानीय परिवहन (Local Transportation): पुणे शहर में स्थानीय परिवहन का अच्छा नेटवर्क है। यहाँ बसों, ऑटो और टैक्सी का अच्छा संचालन होता है, जिससे मंदिर तक पहुंचना बहुत सरल हो जाता है।
मंदिर के विशेष अवसर
- नवग्रह शांति पूजा
- विशेष तिथियों पर महा पूजा
- ग्रह दोष निवारण अनुष्ठान
मुख्य आकर्षण
- सभी ग्रहों की प्रतिमाओं का अलग-अलग स्थान पर ध्यानपूर्वक प्रतिष्ठान।
- विशेष पूजा विधियों से ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
सिद्धि विनायक मंदिर पुणे का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो नवग्रह शांति के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। यहाँ की पूजा विधि भक्तों के जीवन में आ रही ग्रहों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रभावी मानी जाती है। यह स्थान न केवल पुणे, बल्कि भारत के अन्य हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थान है। नवग्रहों की पूजा से मानसिक शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है, और यह मंदिर भक्तों के लिए इसका एक बेहतरीन स्रोत है।
कांची नवग्रह मंदिर (आंध्र प्रदेश)
आंध्र प्रदेश के कांची में स्थित यह मंदिर एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है, जहाँ नवग्रहों की विशेष पूजा की जाती है। यह मंदिर विशेष रूप से उन भक्तों के लिए प्रसिद्ध है, जो अपनी कुंडली में ग्रह दोषों को दूर करने के लिए पूजा करते हैं। इस मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है, और यहां पर हर सप्ताह शुक्रवार और रविवार को विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है।
मंदिर का समय
- सुबह: 6:00 AM से 12:00 PM तक
- शाम: 4:00 PM से 8:00 PM तक
कैसे पहुंचे
- वायु मार्ग (Air Travel): कांची का निकटतम एयरपोर्ट चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Chennai International Airport) है, जो मंदिर से लगभग 70-75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से टैक्सी या कैब द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग (By Train): कांची रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 5-6 किलोमीटर है। आप रेलवे स्टेशन से टैक्सी, ऑटो रिक्शा या बस से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
- सड़क मार्ग (By Road): कांची से मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध है। यह शहर से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, और यहाँ तक पहुंचने के लिए टैक्सी या स्थानीय बस सेवा का उपयोग किया जा सकता है।
मुख्य आकर्षण
- विशेष पूजा पद्धतियाँ: यहाँ हर ग्रह के लिए विशेष पूजा विधियाँ होती हैं, जिनसे ग्रह दोषों को शांत किया जा सकता है।
- विशेष दिन: विशेष रूप से रविवार और शुक्रवार को नवग्रह पूजा का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों के लिए बहुत ही शुभ माने जाते हैं।
- ऐतिहासिक महत्व: यह मंदिर एक प्राचीन स्थल है, और यहाँ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण इसे भक्तों द्वारा श्रद्धा के साथ पूजा जाता है।
यह मंदिर आंध्र प्रदेश का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहाँ नवग्रहों की पूजा से जीवन में आ रही समस्याओं को शांत किया जा सकता है। यह मंदिर न केवल ग्रह दोष निवारण के लिए, बल्कि भक्तों को मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां आने वाले श्रद्धालु विशेष रूप से शुक्रवार और रविवार को पूजा करने के लिए आते हैं, जो इस मंदिर की विशेषता और महत्ता को दर्शाता है।
नवग्रह मंदिर, बिहार (राजगीर)
बिहार राज्य के राजगीर में स्थित यह मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो खासतौर पर शनि और राहु-केतु ग्रहों के दोषों को दूर करने के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व और प्रभावशाली पूजा विधियों के कारण भक्तों के बीच लोकप्रिय है। यहाँ पर नौ ग्रहों की पूजा की जाती है, और खासकर शनिदेव की पूजा अत्यधिक प्रभावशाली मानी जाती है। श्रद्धालु इस मंदिर में आकर अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं और मनचाही इच्छाओं को पूरा करने के लिए व्रत रखते हैं।
मंदिर का समय
- सुबह: 6:00 AM से 12:00 PM तक
- शाम: 4:00 PM से 8:00 PM तक
कैसे पहुंचे
- वायु मार्ग (Air Travel): राजगीर का निकटतम एयरपोर्ट पटना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Patna International Airport) है, जो मंदिर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से टैक्सी या निजी वाहन द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग (By Train): राजगीर रेलवे स्टेशन इस मंदिर के नजदीक स्थित है। स्टेशन से मंदिर तक टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग (By Road): राजगीर मुख्य शहर से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, और यहाँ तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध है। यहां के लिए टैक्सी और बस सेवा का उपयोग किया जा सकता है।
मुख्य आकर्षण
- विशेष पूजा पद्धतियाँ: यहां पर शनि और राहु-केतु ग्रहों के लिए विशेष पूजा की जाती है, जो ग्रह दोषों को शांत करने में सहायक मानी जाती है।
- व्रत और उपाय: भक्त इस मंदिर में पूजा करने के बाद विशेष व्रत रखते हैं, ताकि उनके जीवन की समस्याएँ दूर हो सकें और वे मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकें।
- धार्मिक महत्व: राजगीर का यह मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यहां श्रद्धालु अपनी ग्रहों के दोषों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।
राजगीर स्थित यह मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां पर विशेष रूप से शनि और राहु-केतु ग्रहों के लिए पूजा की जाती है। इस मंदिर में आकर श्रद्धालु अपनी समस्याओं को हल करने और जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने के लिए पूजा करते हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भक्तों को मानसिक शांति और समृद्धि की दिशा में मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।
मालवठी नवग्रह मंदिर, मध्यप्रदेश
मालवठी नवग्रह का मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो नवग्रहों के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। यह मंदिर भक्तों के लिए एक शांतिपूर्ण और पवित्र स्थान है, जहाँ वे अपनी विभिन्न समस्याओं का समाधान करने और ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए नवग्रहों की पूजा करते हैं। यहां आने से लोग अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं।
मंदिर का समय
- सुबह: 6:00 AM से 12:00 PM तक
- शाम: 4:00 PM से 8:00 PM तक
कैसे पहुंचे
- वायु मार्ग (Air Travel): मालवठी मंदिर का नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर में स्थित देपालपुर एयरपोर्ट है, जो यहां से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है। वहां से टैक्सी या निजी वाहन के माध्यम से मंदिर पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग (By Train): इंदौर रेलवे स्टेशन इस मंदिर के नजदीक स्थित है। यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी, ऑटो रिक्शा या बस सेवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सड़क मार्ग (By Road): इंदौर शहर से मालवठी मंदिर तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह मार्ग अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और बस, टैक्सी या निजी वाहन से यात्रा की जा सकती है।
मुख्य आकर्षण
- नवग्रहों के अलग-अलग मंदिर: इस मंदिर परिसर में नौ ग्रहों का विशेष रूप से पूजा की जाती है। हर ग्रह का अलग-अलग मंदिर है, जहां श्रद्धालु ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति के लिए विशेष पूजा करते हैं। यह नवग्रह पूजा भक्तों के जीवन से ग्रह दोषों को दूर करने और अच्छे परिणाम पाने के लिए प्रभावी मानी जाती है।
- ग्रहों की शांति और समृद्धि के लिए विशेष पूजा विधियाँ: यहां पर प्रत्येक ग्रह के लिए विशेष पूजा विधियाँ आयोजित की जाती हैं, जिससे लोगों के जीवन में आ रही बाधाएं और समस्याएं दूर हो सकें। इन पूजा विधियों में मंत्र जाप, हवन और विशेष प्रसाद वितरण किया जाता है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाने के लिए मददगार होते हैं।
मालवठी नव ग्रह मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहाँ नवग्रहों की पूजा करके लोग अपने जीवन में शांति, समृद्धि और सुख प्राप्त करने के लिए आते हैं। यह स्थान न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भक्तों को मानसिक और भौतिक समृद्धि प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। अगर आप ग्रह दोषों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो यह मंदिर आपके लिए एक आदर्श स्थान हो सकता है।
नवग्रह मंदिर, छत्तीसगढ़
नवग्रह का यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो नवग्रहों की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर उन लोगों के लिए विशेष रूप से आदर्श है जो अपने जीवन में ग्रह दोषों और समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहां पर प्रत्येक ग्रह के लिए विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं, जो लोगों की आध्यात्मिक और भौतिक समस्याओं का समाधान करने में मदद करते हैं। यह मंदिर न केवल स्थानीय भक्तों के लिए, बल्कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक पवित्र स्थल है।
मंदिर का समय
- सुबह: 6:00 AM से 12:00 PM तक
- शाम: 4:00 PM से 8:00 PM तक
कैसे पहुंचे
- वायु मार्ग (Air Travel): बिलासपुर का नजदीकी हवाई अड्डा बिलासपुर एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से टैक्सी या निजी वाहन के माध्यम से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग (By Train): बिलासपुर रेलवे स्टेशन इस मंदिर के नजदीक स्थित है। स्टेशन से मंदिर तक पहुंचने के लिए स्थानीय परिवहन का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे टैक्सी, ऑटो रिक्शा या बस।
- सड़क मार्ग (By Road): बिलासपुर शहर से मंदिर तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी, बस या निजी वाहन का इस्तेमाल किया जा सकता है। रास्ते अच्छे हैं और यात्रा आरामदायक है।
मुख्य आकर्षण
- नवग्रहों की विशेष पूजा: मंदिर में एक विशेष स्थान पर एक साथ नौ ग्रहों की पूजा की जाती है। यहां श्रद्धालु नवग्रहों की शांति के लिए पूजा अर्चना करते हैं, जिससे उनके जीवन में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके। प्रत्येक ग्रह के लिए अलग-अलग पूजा विधियाँ होती हैं, जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती हैं।
- ग्रह दोषों से मुक्ति: मंदिर का प्रमुख उद्देश्य ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाना है। जो लोग अपनी कुंडली में किसी ग्रह के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हैं, वे इस मंदिर में आकर नवग्रह पूजा करके अपने ग्रह दोषों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है जो जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं।
- शांति और समृद्धि के लिए मंत्र जाप: मंदिर में नवग्रहों के शांति मंत्रों का जाप किया जाता है। भक्त इन मंत्रों का जाप करके अपने जीवन में शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हैं। पूजा के साथ-साथ हवन भी किया जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सके और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।
यह मंदिर, छत्तीसगढ़ एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जहां नवग्रहों की पूजा करके लोग अपने जीवन में शांति और समृद्धि पा सकते हैं। यह मंदिर उन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो ग्रह दोषों से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं। मंदिर में की जाने वाली पूजा विधियाँ और मंत्र जाप जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए अत्यधिक लाभकारी होते हैं। यदि आप भी ग्रह दोषों से परेशान हैं और समाधान चाहते हैं, तो यह मंदिर आपके लिए एक आदर्श स्थल हो सकता है।
नवग्रह मंदिर, राजस्थान (पाली)
राजस्थान के पाली जिले में स्थित यह मंदिर एक अद्भुत धार्मिक स्थल है, जहां नवग्रहों की पूजा विशेष रूप से की जाती है। यह मंदिर उन भक्तों के लिए खास है जो ग्रह दोषों से परेशान हैं और अपने जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं। नवग्रह पूजा के माध्यम से यहां के भक्तों को ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। इस मंदिर का वातावरण शांतिपूर्ण और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन प्राप्त होता है।
मंदिर का समय
- सुबह: 6:00 AM से 12:00 PM तक
- शाम: 4:00 PM से 8:00 PM तक
कैसे पहुंचे
- वायु मार्ग (Air Travel): पाली का नजदीकी हवाई अड्डा उदयपुर एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। यहाँ से टैक्सी या बस के माध्यम से पाली जिले स्थित नवग्रह मंदिर पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग (By Train): पाली रेलवे स्टेशन इस मंदिर के नजदीक स्थित है। आप पाली स्टेशन तक ट्रेन से आ सकते हैं और फिर मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी या ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सड़क मार्ग (By Road): पाली जिले तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से मंदिर तक सार्वजनिक परिवहन, टैक्सी, या निजी वाहन का उपयोग किया जा सकता है।
मुख्य आकर्षण
- नवग्रहों की विशेष पूजा: इस मंदिर में प्रत्येक ग्रह की पूजा को महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ पर भक्तों को हर ग्रह की शांति के लिए विशेष मंत्रों का जाप और हवन करने का अवसर मिलता है। यह पूजा हर ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए की जाती है।
- ग्रह दोषों से मुक्ति: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह दोष है, जैसे कि शनि दोष, राहु-केतु दोष, या अन्य किसी ग्रह का अशुभ प्रभाव, तो वह इस मंदिर में आकर अपनी समस्याओं का समाधान पा सकता है। नवग्रह पूजा के द्वारा जीवन में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सकता है और मनुष्य को सुख, समृद्धि, और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- धार्मिक एवं शांति स्थल: पाली जिले में स्थित यह मंदिर एक शांतिपूर्ण स्थल है, जहाँ भक्त न केवल अपनी आध्यात्मिक समस्याओं का समाधान पाते हैं, बल्कि यहां की शांति और वातावरण में डूब कर मानसिक शांति भी प्राप्त करते हैं। मंदिर का वातावरण आध्यात्मिक उन्नति के लिए आदर्श है।
यह मंदिर, पाली एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो विशेष रूप से ग्रह दोषों से मुक्ति और आध्यात्मिक शांति के लिए जाना जाता है। यहां की नवग्रह पूजा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी लाभकारी है। यदि आप ग्रह दोषों से पीड़ित हैं या आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं, तो यह मंदिर आपके लिए एक आदर्श स्थल हो सकता है।
पटनम नवग्रह मंदिर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के पटनम क्षेत्र में स्थित नवग्रह मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो विशेष रूप से नवग्रहों की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहां के भक्त अपनी कुंडली के ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए यहां आते हैं। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण विशेष रूप से शनि देव की पूजा है, जिसे समस्याओं के निवारण और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए जाना जाता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यहां की पूजा विधियाँ भी भक्तों के लिए विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती हैं।
मंदिर का समय
- सुबह: 6:00 AM से 12:00 PM तक
- शाम: 4:00 PM से 8:00 PM तक
कैसे पहुंचे
- वायु मार्ग (Air Travel): पटनम क्षेत्र का नजदीकी हवाई अड्डा लखनऊ एयरपोर्ट है, जो लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां से आप टैक्सी या बस के माध्यम से पटनम मंदिर पहुंच सकते हैं।
- रेल मार्ग (By Train): पटनम का नजदीकी रेलवे स्टेशन रायबरेली रेलवे स्टेशन है, जो इस मंदिर से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां से आप टैक्सी या ऑटो का उपयोग करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
- सड़क मार्ग (By Road): पटनम क्षेत्र तक सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए आप लखनऊ या रायबरेली से बस या निजी वाहन का उपयोग कर सकते हैं। यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश के प्रमुख मार्गों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
मुख्य आकर्षण
- शनि देव की पूजा: शनि देव की पूजा इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है। शनि दोष से प्रभावित लोग यहां आकर शनि देव की पूजा करके अपने जीवन की समस्याओं को दूर कर सकते हैं। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शनि के अशुभ प्रभावों से पीड़ित हैं।
- अन्य ग्रहों की पूजा: इस मंदिर में अन्य नवग्रहों की भी पूजा की जाती है, जिससे जीवन में आ रही तमाम समस्याओं का समाधान होता है। कुंडली के दोषों को शांत करने के लिए नवग्रह पूजा और हवन आयोजित किए जाते हैं, जो भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायक माने जाते हैं।
- पूजा विधियाँ: इस मंदिर में पूजा विधियाँ शुद्ध और प्रभावशाली होती हैं, जो भक्तों के मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए आदर्श हैं। पूजा में विशेष मंत्रों का जाप और हवन शामिल होते हैं, जो ग्रहों के दोषों को शांत करने में मदद करते हैं।
पटनम नव ग्रह मंदिर एक प्रमुख स्थल है जहां लोग नवग्रह पूजा और विशेष रूप से शनि देव की पूजा करके अपने जीवन में आ रही समस्याओं का समाधान पाते हैं। यहां की पूजा विधियाँ और वातावरण भक्तों के लिए शांति और समृद्धि का आशीर्वाद लेकर आती हैं। यदि आप शनि दोष या अन्य ग्रह दोषों से परेशान हैं, तो पटनम का यह मंदिर एक आदर्श स्थल है जहां आप शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए पूजा कर सकते हैं।
FAQ
यह मंदिर कहां स्थित हैं?
यह मंदिर भारत के कई प्रमुख शहरों और स्थानों पर स्थित हैं, जैसे हरिद्वार, वाराणसी, पटना, उज्जैन और भदोही इत्यादि।
इन मंदिरों में कौन-कौन से ग्रहों की पूजा की जाती है?
इन मंदिरों में 9 प्रमुख ग्रहों की पूजा की जाती है: सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, और केतु। हर ग्रह का अपना अलग महत्व और प्रभाव होता है, जो व्यक्ति के जीवन पर असर डालता है।
क्या इस मंदिर में कोई विशेष त्योहार मनाए जाते हैं?
इस मंदिर में कई विशेष पूजा और त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे शनि अमावस्या, ग्रहण के दिन, और नवग्रह दोष निवारण पूजा इत्यादि।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile