तेरे दरबार आए हैं, जहाँ से हार आए हैं —यह भजन भक्त की पूर्ण समर्पण भावना को व्यक्त करता है। जब संसार में हर रास्ता बंद हो जाता है, जब कोई सहारा नहीं दिखता, तब श्याम बाबा का दरबार ही एकमात्र आश्रय बन जाता है। यह भजन हमें सिखाता है कि जो भी सच्चे दिल से बाबा की शरण में आता है, उसकी हर मुश्किल खुद श्याम बाबा हल कर देते हैं।
Tere Darbar Aaye Hain Jahan Se Haar Aaye Hai
तेरे दरबार आए है,
जहाँ से हार आए है,
खाली ना जाएंगे,
खुशियां ले जाएंगे,
जिद पे अड़ जाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे।1।
ठोकर जो खाई है संसार की,
चौखट दिखी फिर तेरे द्वार की,
हारे के साथी बताए तुम्हें,
सारी कहानी मेरी हार की,
जो होगी कृपा तेरी,
अब हम ना हारेंगे,
हम जीत के जाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे।2।
देखा जाएगा जो भी हो अंजाम,
हमने तो छोड़ा सब तुम पे ही श्याम,
तुम जो हमारा करोगे ना काम,
रटते रहेंगे हम तेरा ही नाम,
झोली हम लाएंगे,
सुख भर ले जाएंगे,
अब दुख ना पाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे।3।
लहरों में नैया जो डूबी मेरी,
तोहिन होगी कन्हैया तेरी,
सब जाने ‘निर्मल’ तो नादान है,
ऐ श्याम इसकी तू पहचान है,
एक एक आंसू मेरे,
तुझको पिलाएंगे,
मनवाते जाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे।4।
तेरे दरबार आए है,
जहाँ से हार आए है,
खाली ना जाएंगे,
खुशियां ले जाएंगे,
जिद पे अड़ जाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे,
ऐसे ना जाएंगे ऐसे ना जाएंगे।5।
खाटू श्याम जी का दरबार सबकी आशाओं का केंद्र है। वहाँ जो भी श्रद्धा और प्रेम से आते हैं, बाबा उनकी नैया पार लगा देते हैं। अगर यह भजन आपके हृदय को भक्तिभाव से भर गया, तो तेरे होते मेरी हार बाबा कैसे होंगी, बाबा सब कुछ देख रहा है घट घट की वो जाने, और तू टेंशन मत ले यार सांवरिया देख रहा जैसे अन्य भजनों को भी अवश्य करें और अपने मन को श्याम प्रेम से सराबोर करें। जय श्री श्याम! 🙏💙🎶