जग में हारे का सहारा खाटू की नगरी में है

Jag Mien Haare Ka Sahara Khatu Ki Nagri Mien Hai

जग में हारे का सहारा,
खाटू की नगरी में है,
खाटू की नगरी में है वो,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।

दिल भी वो धड़कन वही है,
खाटू का मेरा सांवरा,
मेरी अखियों का सितारा,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।

अन्न दाता भी वही है,
मेरा माई बाप भी,
हम गरीबों का गुजारा,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।

हमको हमसे ही चुराकर,
ले गई जिसकी नज़र,
सज के बैठा श्याम प्यारा,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।

इक झलक को है तरसते,
जिसको सारे भक्त जन,
‘कमल’ वो दिलकश नज़ारा,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।

जग में हारे का सहारा,
खाटू की नगरी में है,
खाटू की नगरी में है वो,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।

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