श्याम बाबा का दरबार उन सभी भक्तों के लिए खुला है जो सच्चे मन से उनकी शरण में आते हैं। दानी के दरबार में आया रे, मैं तो आया भजन एक भक्त की भावनाओं को व्यक्त करता है, जो अपने जीवन के सभी दुखों और चिंताओं को छोड़कर केवल बाबा के चरणों में समर्पित हो जाता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि बाबा के दरबार में कोई खाली हाथ नहीं लौटता। आइए, इस भजन को पढ़ें और श्री श्याम की कृपा का अनुभव करें।
Dani Ke Darbar Me Aaya Re Main To
दानी के दरबार में,
महादानी के दरबार मे,
आया रे मैं तो आया,
दानी के दरबार मे।।1।।
हे दानी मैं हार के आया,
मुझको आज जिताना होगा,
नाम तेरा सुनकर आया हूँ,
मुझको गले लगाना होगा,
आया रे मैं तो आया,
दानी के दरबार मे।।2।।
तेरे दर पे हार गया तो,
और कहाँ मैं जाऊँगा,
जिनका भरोसा तुझपे उनसे,
कैसे आँख मिलाऊँगा,
आया रे मैं तो आया,
दानी के दरबार मे।।3।।
चमत्कार दिखलाना होगा,
मेरा काम बनाना होगा,
दिव्य तेजस्वी मोरछड़ी का,
झाड़ा आज लगाना होगा,
आया रे मैं तो आया,
दानी के दरबार मे।।4।।
तेरा दर ही आखिरी दर है,
इस विश्वास से आया हूँ,
भक्तों के संग ‘अम्बरीष’ कहता,
लाख उम्मीदे लाया हूँ,
आया रे मैं तो आया,
दानी के दरबार मे।।5।।
दानी के दरबार में,
महादानी के दरबार मे,
आया रे मैं तो आया,
दानी के दरबार मे।।6।।
श्याम बाबा अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं और उनकी झोली खुशियों से भर देते हैं। उनकी इस दयालुता और करुणा को मांगो दातार से खाटू दरबार से, नौकर रख लो लखदातार, लाखों नमन है बाबा तेरे दरबार को, बाबा को ढूंढता हूँ खाटू की हर गली में जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम बाबा की भक्ति में लीन होकर उनकी कृपा और आशीर्वाद का अनुभव करें। जय श्री श्याम! 🙏💛