Aisee Kripa Karo Gopal Na Chhute Govardhan Ko Vas
ऐसी कृपा करो गोपाल,
ना छूटे गोवर्धन को वास,
गोवर्धन को वास,
ना छूटे संत जनन को साथ,
ऐसी कृपा करों गोपाल,
ना छूटे गोवर्धन को वास।।
माटी में माटी मिल जाए,
यही मन की अभिलाष,
जनम जनम तक मोहे बनइयो,
संत जनन को दास,
ऐसी कृपा करों गोपाल,
ना छूटे गोवर्धन को वास।।
ये जग सपना कोई ना अपना,
झूठा नर विश्वास,
मोह ममता की ओस बून्द में,
कबहुँ ना बुझती प्यास,
ऐसी कृपा करों गोपाल,
ना छूटे गोवर्धन को वास।।
परम हितेषी परम वैष्णव,
सांचो रिश्तो ख़ास,
प्रेमी बनूँ प्रिया प्रीतम को,
कबहुँ ना छूटे आस,
ऐसी कृपा करों गोपाल,
ना छूटे गोवर्धन को वास।।
ऐसी कृपा करो गोपाल,
ना छूटे गोवर्धन को वास,
गोवर्धन को वास,
ना छूटे संत जनन को साथ,
ऐसी कृपा करों गोपाल,
ना छूटे गोवर्धन को वास।।