सुनलो बाबा बजरंगी मैं कैसे तुझे रिझाऊं भजन लिरिक्स

“सुनलो बाबा बजरंगी मैं कैसे तुझे रिझाऊं” भजन भक्त की गहरी भावनाओं और प्रेमपूर्ण समर्पण को प्रकट करता है। इस भजन में भक्त अपनी विनम्रता व्यक्त करता है और हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए अपनी श्रद्धा समर्पित करता है। यह भजन हमें यह संदेश देता है कि बजरंगबली की कृपा प्राप्त करने के लिए किसी विशेष वस्तु की आवश्यकता नहीं, बल्कि केवल सच्चे मन और भक्ति भाव की जरूरत होती है।

Sunlo Baba Bajarangi Mai Kaise Tujhe Rijhau Bhajan Lyrics

सुनलो बाबा बजरंगी,
मैं कैसे तुझे रिझाऊं,
चरणों में मुझे बिठा लो,
मैं तुमसे इतना चाहूँ,
राम सियाराम सियाराम सियाराम,
राम सियाराम सियाराम सियाराम।1।

इस जग में भटक रहा हूँ,
मैं दर दर मारा मारा,
फिर तेरे दर पर आकर,
मुझको है मिला सहारा,
उपकार किये तुम इतने,
मैं कैसे तुझे गिनाऊँ,
चरणों में मुझे बिठा लो,
मैं तुमसे इतना चाहूँ,
राम सियाराम सियाराम सियाराम,
राम सियाराम सियाराम सियाराम।2।

कोई खीर चूरमा लावे,
कोई सवा मणि करवावे,
कोई छप्पन भोग लगाकर,
मेरे बाबा तुझे रिझावे,
मैं तो निर्धन हूँ बाबा,
दो आंसू ही भेंट चढ़ाऊँ,
चरणों में मुझे बिठा लो,
मैं तुमसे इतना चाहूँ,
राम सियाराम सियाराम सियाराम,
राम सियाराम सियाराम सियाराम।3।

हो संकट मोचन तुम ही,
संकट से मुझे उबारो,
आये दर दीन दुखी को,
भव सागर से तुम तारो,
‘दीपक’ दरबार में तेरे,
आकर के प्रभु जगाऊँ,
चरणों में मुझे बिठा लो,
मैं तुमसे इतना चाहूँ,
राम सियाराम सियाराम सियाराम,
राम सियाराम सियाराम सियाराम।4।

सुनलो बाबा बजरंगी,
मैं कैसे तुझे रिझाऊं,
चरणों में मुझे बिठा लो,
मैं तुमसे इतना चाहूँ,
राम सियाराम सियाराम सियाराम,
राम सियाराम सियाराम सियाराम।5।

हनुमान जी को रिझाने का सबसे सरल उपाय है सच्चे मन से उनकी भक्ति करना और निःस्वार्थ भाव से प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित होना। यह भजन हमें यह एहसास कराता है कि भौतिक उपहारों से अधिक मूल्यवान प्रेम, भक्ति और सेवा होती है। जब भक्त श्रद्धा से हनुमान जी का स्मरण करता है, तो वे उसकी पुकार अवश्य सुनते हैं और हर संकट से उबारते हैं।

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