कर ना सके जो कोई भी करके दिखा दिया भजन लिरिक्स

कर ना सके जो कोई भी करके दिखा दिया भजन भगवान श्रीराम और उनके परम भक्त हनुमान की महानता और उनके अद्वितीय कार्यों की सराहना करता है। यह भजन हनुमान जी की अडिग श्रद्धा, उनके साहस और शक्ति को दर्शाता है, जिन्होंने श्रीराम के आदेश पर असंभव कार्यों को भी संभव कर दिखाया। यह भजन हमें साहस, विश्वास और भगवान की कृपा पर भरोसा रखने की प्रेरणा देता है।

Kar Na Sake Jo Koi Bhi Karke Dikha Diya

कर ना सके जो कोई भी
करके दिखा दिया,
सेवक अपने स्वामी पे
नौकर ने अपने मालिक पे,
कर्जा चढ़ा दिया।।

सीता से राम बिछड़े है
रोए बिलख बिलख कर,
मिल ना सके जो जीवन भर
मिल ना सके जो जीवन भर,
पल में मिला दिया।

कर ना सकें जो कोई भी,
करके दिखा दिया
सेवक अपने मालिक पे,
कर्जा चढ़ा दिया।।

लक्ष्मण का हाल देखिये,
दुनिया से जा रहे है
दीपक जो बुझने जा रहा,
दीपक जो बुझने जा रहा,
फिर से जला दिया।

कर ना सकें जो कोई भी,
करके दिखा दिया
सेवक अपने मालिक पे,
कर्जा चढ़ा दिया।।

रहते थे राम महलों में
वनवासी हो गए थे,
‘बनवारी’ फिर अयोध्या का
‘बनवारी’ फिर अयोध्या का,
राजा बना दिया।

कर ना सकें जो कोई भी,
करके दिखा दिया
सेवक अपने मालिक पे,
कर्जा चढ़ा दिया।।

कर ना सके जो कोई भी,
करके दिखा दिया
सेवक अपने स्वामी पे,
नौकर ने अपने मालिक पे,
कर्जा चढ़ा दिया।।

यह भजन हमें यह सिखाता है कि अगर हम अपने जीवन में श्रीराम के मार्ग पर चलते हुए निष्ठा और श्रद्धा के साथ किसी कार्य को करते हैं, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। हनुमान जी की तरह हमें भी भगवान की सेवा में पूर्ण समर्पण और साहस दिखाना चाहिए। जब भी जीवन में चुनौतियाँ आएं, श्रीराम और हनुमान जी का आशीर्वाद हमारे साथ होता है, और हम कोई भी कठिन कार्य सफलता से पूरा कर सकते हैं। जय श्रीराम और जय बजरंगबली!

Leave a comment