अब दया करो बजरंगबली भजन लिरिक्स

अब दया करो बजरंगबली एक सशक्त भजन है जो भगवान हनुमान से उनकी अनुकंपा और दया की प्रार्थना करता है। इस भजन में भक्तों का भावपूर्ण आह्वान है कि भगवान हनुमान अपनी अपार शक्ति और कृपा से उनके जीवन को संजीवनी दें। भगवान हनुमान को बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है, और यह भजन उनकी महानता, साहस, और रक्षक रूप की पूजा करता है। यह भजन न केवल शक्ति का प्रतीक है, बल्कि हनुमान जी की दयालुता और भक्तों के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा का भी आह्वान करता है।

Ab Daya Karo Bajrangbali

अब दया करो बजरंगबली,
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।

तुम काज संवारा करते हो,
दुखियों के दुखड़े हरते हो
माता अंजनी के जाए हो,
सियाराम के मन में समाये हो
सालासर धणी कहाते हो,
संकट में दौड़े आते हो
अब दया करों बजरंगबली,
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।

सूरज को निगल गए समझ के फल,
सोने की लंका दी राख में बदल
जब प्राण लखन के थे संकट में,
संजीवन लाये झटपट में,
दुष्टों का सदा संघार किया
भक्तो का बेडा पार किया,
अब दया करों बजरंगबली
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।

हम दुःख विपदा के मारे है,
इस झूठे जगत से हारे हैं
उलझन ही उलझन पग पग पर,
रस्ता अब कोई आये ना नजर
है ‘कमल सरल’ कमजोर पड़ा,
‘लक्खा’ ले फरियाद है दर पे खड़ा
अब दया करों बजरंगबली,
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।

अब दया करो बजरंगबली,
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।

अब दया करो बजरंगबली भजन भक्तों को यह सिखाता है कि जब जीवन में कठिनाइयाँ और संकट आते हैं, तब भगवान हनुमान की शरण में आकर हम हर दुख और कठिनाई से उबर सकते हैं। हनुमान जी की कृपा से जीवन में नया उत्साह और शक्ति का संचार होता है, और वे हर मुश्किल को आसान बना देते हैं। इस भजन के माध्यम से भक्तों को विश्वास होता है कि बजरंगबली की दया से कोई भी समस्या असंभव नहीं है। भजन का निरंतर उच्चारण करते हुए भक्त हनुमान जी से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जिससे उनकी आंतरिक शक्ति जागृत होती है। यह भजन न केवल मानसिक शांति और संतुलन लाता है, बल्कि भक्तों को भगवान हनुमान के दिव्य आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि, सुख, और शांति का अनुभव कराता है।

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