अनुराधा पौडवाल गणेश आरती लिरिक्स | Anuradha Paudwal Ganesh Aarti Lyrics

अनुराधा पौडवाल गणेश आरती लिरिक्स सभी पूजा अवसर पर गाई जाने वाली एक लोकप्रिय गणेश आरती है। जब बात आरती की होती है, तो हर भक्त की जुबां पर एक ही नाम होता Anuradha Paudwal Ganesh Aarti Lyrics। अनुराधा पौडवाल का नाम भारतीय भक्ति संगीत की सबसे प्रसिद्ध आवाज़ों में लिया जाता है। उनकी मधुर आवाज़ में गाई गई गणेश आरती न केवल भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा का इज़हार करती है, बल्कि यह भक्तों के दिलों को भी छू जाती है।

अनुराधा पौडवाल ने जय गणेश आरती को बहुत ही सुन्दर स्वर में गाया है। आरती के प्रत्येक शब्द में श्रद्धा और प्रेम झलकता है, और यह भक्तों को भगवान गणेश के आशीर्वाद को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। यहां हमने अनुराधा जी द्वारा गाई आरती के लिरिक्स को आपके लिए नीचे उपलब्ध कराया है-

अनुराधा पौडवाल गणेश आरती लिरिक्स

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

यह भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए उन्हें आराधना करने और आरती गाने की प्रेरणा देती है। अगर इस आरती से आपको लाभ की प्राप्ति हुई है तो आप गणेश मंत्रों जैसे Ganesh Visarjan Mantra, Ganesh Sthapana Mantra और Ganesh Ke 12 Naam आदि को भी आपने नियमित पाठ में शामिल कर सकते है

Anuradha Paudwal Ganesh Aarti Lyrics की विधि:

जब आप अनुराधा पौडवाल की गणेश आरती का पाठ या गायन करते हैं, तो यह विधि आपके पूजा को और भी विशेष बना देती है। यहां पर गणेश आरती करने की सही विधि दी गई है-

  1. स्थान का चयन: सबसे पहले, पूजा के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। पूजा स्थल को साफ रखें, ताकि आपके मन और शरीर में शुद्धता बनी रहे।
  2. स्नान और शुद्धि: पूजा शुरू करने से पहले, स्वयं का स्नान करें और शुद्ध कपड़े पहनें। इससे न केवल आपका शरीर शुद्ध होगा, बल्कि मानसिक शांति भी मिलेगी और पूजा का फल भी अधिक मिलेगा।
  3. चित्र स्थापना: भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें। मूर्ति के सामने दीपक, अगरबत्ती और फूल रखें, ताकि पूजा में पूरी श्रद्धा से भगवान गणेश का स्वागत किया जा सके।
  4. दीपक जलाएं: भगवान गणेश के सामने दीपक जलाएं और अगरबत्ती रखें। इससे पूजा का माहौल भी दिव्य बनता है।
  5. आरती का पाठ: गणेश आरती के बोल ध्यानपूर्वक गाएं या पढ़ें। इस आरती को प्रेम और श्रद्धा से गाने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। यह आरती धीरे-धीरे गाएं, और हर शब्द को श्रद्धा से उच्चारण करें। आरती के समय भगवान गणेश के सामने सिर झुकाकर उन्हें नमन करें।
  6. प्रसाद: आरती के बाद, भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, फल या अन्य प्रसाद अर्पित करें। इन भोगों को भक्तों में बांटें, ताकि उनका आशीर्वाद और कृपा पूरे परिवार में फैले।
  7. आशीर्वाद: आरती के बाद भगवान गणेश के सामने श्रद्धा से सिर झुका कर उन्हें धन्यवाद दें। उनकी कृपा से अपने सभी कार्यों में सफलता की कामना करें।
  8. समाप्ति: पूजा समाप्त होने के बाद, दीपक और अगरबत्ती बुझा कर पूजा स्थल को पवित्र बनाए रखें। आप भगवान गणेश का ध्यान करके इस दिन के लिए उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

गणेश आरती का पाठ करने की विधि सरल और प्रभावशाली है। इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ गाने से भगवान गणेश के आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति आती है।

आरती से होने वाले लाभ

यहां इस आरती को नियमित रूप से गाने या सुनने के कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  1. समृद्धि: भगवान गणेश को धन और समृद्धि का देवता माना जाता है, और इनकी आरती का नियमित पाठ करने से व्यापार, नौकरी और अन्य आर्थिक मामलों में सफलता मिलती है।
  2. मानसिक शांति: गणेश आरती का पाठ मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है। जब हम भगवान गणेश के समक्ष भक्ति और श्रद्धा से आरती गाते हैं, तो हमारे मन और आत्मा में शांति का अहसास होता है।
  3. ऊर्जा का संचार: आरती के दौरान उच्चारित शब्दों में एक शक्तिशाली सकारात्मक ऊर्जा होती है, जो पूरे वातावरण को शुद्ध करती है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: भगवान गणेश की पूजा और उनके गुणों का गान करने से मनुष्य अपने जीवन में आध्यात्मिक संतुलन, विनम्रता और आत्मज्ञान प्राप्त करता है।
  5. संकटों से मुक्ति: भगवान गणेश की आरती से जीवन में आने वाले संकटों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह आरती व्यक्ति को साहस और धैर्य प्रदान करती है, जिससे वह कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम होता है और जीवन की समस्याओं से उबर सकता है।
  6. परिवार में प्रेम: परिवार में सौहार्द और प्रेम बनाए रखने में यह आरती मदद करती है। जब पूरा परिवार मिलकर गणेश आरती गाता है, तो घर का माहौल सकारात्मक और सहयोगपूर्ण बनता है। इससे रिश्तों में भी मधुरता बनी रहती है।
  7. बुरी ऊर्जा: आरती के पाठ से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। यह पूजा घर या पूजा स्थल को शुद्ध करती है, जिससे किसी प्रकार की नकारात्मकता और बुरी शक्तियाँ दूर होती हैं।
  8. आशीर्वाद: यह आरती जीवन में सुख, समृद्धि, सुख-शांति, और सफलता के रास्ते खोलती है। गणेश जी का आशीर्वाद पाकर व्यक्ति अपने सभी कार्यों में सफलता और सुख प्राप्त करता है।

इसका नियमित पाठ परिवार और व्यक्तिगत जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि को बढ़ावा देता है। गणेश आरती को पूरी श्रद्धा और भक्ति से गाने से हर कार्य में सफलता की प्राप्ति होती है और जीवन में विघ्न दूर होते हैं।

FAQ

क्या आरती को केवल गणेश चतुर्थी पर गाना चाहिए?

नहीं, आरती को आप किसी भी समय गा सकते हैं, जब भी आप भगवान गणेश की पूजा करें।

क्या इस आरती का कोई रिकॉर्डेड संस्करण उपलब्ध है?

क्या आरती का पाठ बच्चों को भी करना चाहिए?

क्या आरती के बोल समझना जरूरी है?

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